लखनऊ (ब्यूरो)। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा की ओर से स्पष्ट किया गया है कि प्रदेश में बिजली सप्लाई व्यवस्था बेहतर रखने के लिए हर दिन जर्जर केबिल बदली जा रही हैैं साथ ही खराब ट्रांसफॉर्मर भी रिप्लेस किए जा रहे हैैं। इसके साथ ही लाइन लॉस के मामलों में भी खासी गिरावट दर्ज की गई है। प्रयास यही है कि प्रदेश के उपभोक्ताओं को पर्याप्त बिजली मिलती रहे।

जर्जर तारों पर फोकस

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि राजस्व संग्रह में 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। मेंटीनेंस कार्यों के दौरान 41 हजार किलोमीटर लंबाई के जर्जर तार बदले गए हैैं साथ ही पिछले माह में 90 हजार नये खंभे भी लगाये गये हैं। उन्होंने यह भी जानकारी दी है कि बिजली व्यवस्था को और बेहतर करने के लिए प्रदेश में आरडीएसएस एवं बिजनेस प्लान योजना चलायी जा रही है। आरडीएसएस योजना के अंतर्गत वर्तमान में 17 हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत से कार्य कराये जा रहे हैं साथ ही बिजनेस प्लान के तहत पांच हजार करोड़ रुपये और नगरों में विद्युत व्यवस्था के सुधार के लिए एक हजार करोड़ रुपये के कार्य कराये जा रहे हैं। इस प्रकार कुल 23 हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत से प्रदेश के जर्जर तार, खंभों को बदलने के साथ ही ट्रांसफर्मर बदलने व उच्चीकृत करने का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है।

एक हजार ट्रांसफॉर्मर बदले गए

ऊर्जा मंत्री ने जानकारी दी है कि प्रतिदिन लगभग एक हजार ट्रांसफार्मर बदले गए हैैं। पिछले कुछ महीनों में 4.60 लाख ट्रांसफार्मर बदले गए हैैं, जिससे लो वोल्टेज की समस्या का समाधान हो रहा है। बांस बल्ली वाले व जर्जर खंभे बदलने के कार्य में पिछले अक्टूबर माह में ही 90 हजार नये खंभे लगाये गये हैं। बिजली की बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए जवाहरपुर और ओबरा में 660 मेगावाट की दो यूनिट (1320 मेगावाट) तैयार होकर ऊर्जाकृत हो गयी है। वहीं, ओबरा में एनटीपीसी के साथ 1600 मेगावाट की यूनिट डाली जा रही है। उन्होंने यह भी जानकारी दी है कि बिजली व्यवस्था बेहतर करने के लिए जो भी मेंटीनेंस कार्य कराए जा रहे हैैं, उनकी लगातार मॉनीटरिंग भी की जा रही है, जिससे किसी भी स्तर पर लापरवाही न हो सके। वो खुद भी समय-समय पर समीक्षा कर रहे हैैं।