लखनऊ (ब्यूरो)। आशा वर्कर्स को हर हाल में समय पर मानदेय मुहैया कराया जाये। इसमें किसी भी प्रकार की लेटलतीफी बर्दाश्त नहीं की जायेगी। कई बार आशा, एएनएम समेत दूसरे वर्कर समय पर मानदेय या वेतन न मिलने की शिकायत करते हैं। अधिकारी समय-समय पर कर्मचारियों के मानदेय की समीक्षा करें, व्यवस्था में सुधार लायें। नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सभी का वेतन समय पर जारी करना सुनिश्चित करें। ये निर्देश शुक्रवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने अधिकारियों को दिये।

कई महत्वपूर्ण काम करती हैं

प्रदेश में एक लाख 60 हजार से अधिक आशा वर्कर ग्रामीण और सात हजार से ज्यादा शहरी इलाकों में हैं। आठ हजार से अधिक आशा संगिनी हैं। आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी वर्कर्स स्वास्थ्य सुविधाओं को सबसे निचले पायदान के लोगों तक पहुंचाने की महत्वपूर्ण इकाई हैं। डिप्टी सीएम के मुताबिक, आशा वर्कर मातृ शिशु मृत्युदर के आंकड़ों में कमी लाने में अहम भूमिका निभाती हैं। गर्भवती महिलाओं की पहचान कर उन्हें अस्पताल लाती हैं। संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम करती हैं। शिशुओं का टीकाकरण करती हैं। वे परिवार नियोजन समेत दूसरी केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचा रही हैं। सरकार का फोकसउनको हाईटेक करने पर है। उन्हें स्मार्टफोन से लैस किया जा रहा है ताकि योजनाओं का सही क्रियांवयन हो सके। आशा व एएनएम समेत दूसरे कर्मचारियों का मनोबल बढ़ा रहे, इसलिए समय पर वेतन व मानदेय मिलना चाहिये। इसमें किसी भी दशा में लापरवाही न बरती जाये।

रिसर्च सेल में घोटाले की होगी जांच

केजीएमयू के रिसर्च सेल पर वित्तीय अनियमितता के गंभीर आरोप लगे हैं, जिसके बाद संस्थान प्रशासन द्वारा चार सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है। इस समिति को अपनी रिपोर्ट जल्द से जल्द दाखिल करने को कहा गया है। यह जांच समिति राजभवन द्वारा आदेश मिलने के बाद बनाई गई है। यह जांच केशवनगर निवासी श्रीकांत सिंह की शिकायत के बाद की गई है। इसमें आरोप लगाया गया था कि रिसर्च सेल में आए विदेशी अनुदान का दुरुपयोग किया गया तथा मनमाने बैंक खातों में उसकी राशि ट्रांसफर की गई। इसमें पूर्व वीसी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। केजीएमयू प्रशासन ने प्रति कुलपति प्रो। विनीत शर्मा की अध्यक्षता में प्रो। समीर मिश्रा, प्रो। पुनीता मानिक और वित्त अधिकारी को शामिल किया गया है।