लखनऊ (ब्यूरो)। आलमबाग एरिया के अंतर्गत आने वाले दर्जनों मोहल्लों में रहने वाले लोगों को आज भी सीवर लाइन का इंतजार है। करीब 10 साल पहले जब सीवरेज का प्रोजेक्ट बना तो इन मोहल्लों में रहने वाले हजारों लोगों को उम्मीद जगी थी कि अब उन्हें जलभराव की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा, लेकिन गुजरते वक्त के साथ उनकी उम्मीदें कागजों में ही सिमट कर रह गईं। इसकी वजह यह रही कि कई अन्य वार्डों में तो सीवरेज का काम हुआ, लेकिन तीन वार्डों में कोई कदम नहीं उठाया गया। वार्ड पार्षद से लेकर स्थानीय लोगों ने शहर सरकार से लेकर नगर निगम प्रशासन के जिम्मेदार अफसरों से कई बार समस्या दूर किए जाने की मांग की, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा।

दर्जनों मोहल्ले आते हैैं तीन वार्ड में

रामजी सरदार पटेल नगर वार्ड, चित्रगुप्त नगर और हिंद नगर वार्ड के अंतर्गत दर्जनों मोहल्ले आते हैैं। जिसमें मुख्य रूप से रामनगर, श्रीनगर, समर विहार, मंगलखेड़ा, सुभाष नगर, भोलाखेड़ा और विजय नगर इत्यादि मोहल्ले शामिल हैैं। इन सभी मोहल्लों की आबादी काफी घनी है। इन तीन वार्डों की कुल आबादी पौने दो लाख के आसपास है। ऐसे में, साफ है कि इन वार्डों में सीवर लाइन का बिछाया जाना कितना जरूरी है। अगर सीवर लाइन पड़ जाए तो पौने दो लाख लोगों को जलभराव संबंधी समस्या से बड़ी राहत मिल सकती है।

इंतजार में पथरा गईं आंखें

स्थानीय लोगों का कहना है कि इंतजार में कई साल गुजर गए हैैं, लेकिन अभी तक एरिया में सीवर लाइन नहीं डाली जा सकी है। बाकी तो सुविधाएं डेवलप हो गई हैैं, लेकिन मुख्य जरूरत सीवर लाइन की है। इसके न होने की वजह से हर बार बारिश में जलभराव की समस्या सामने आती है, कई बार तो घरों के अंदर तक पानी भर जाता है। स्थानीय लोगों की मांग है कि जल्द से जल्द सीवरेज लाइन बिछाई जाए, ताकि उन्हें राहत मिल सके। उनका कहना है कि शहर सरकार से लेकर नगर निगम प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों से कई बार सीवरेज लाइन की मांग की लेकिन अभी तक किसी ने भी इस समस्या को दूर करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। गुजरते वक्त के साथ हालात और भी ज्यादा खराब होते जा रहे हैैं।

2012 में बना था प्रोजेक्ट

स्थानीय लोगों की माने तो करीब 10 साल पहले वर्ष 2012 में 482 करोड़ का सीवर लाइन प्रोजेक्ट बनाया गया था, जिसके बाद उम्मीद जगी थी कि अब उन्हें समस्या से निजात मिल जाएगी, लेकिन अभी तक यह प्रोजेक्ट धरातल पर नहीं उतर सका है। लोगों का कहना है कि जो प्रोजेक्ट तैयार किया गया है, उसमें अगर कोई दिक्कत है तो उसे संशोधित करके नए सिरे से इंप्लीमेंट किया जाए। यह भी जानकारी सामने आई है कि पांच अन्य वार्डों में सिर्फ ब्रांच लाइन ही बिछी है। इन वार्डों में गुरु गोविंद सिंह वार्ड, कुंज बिहारी वार्ड, गीतापल्ली, ओमनगर इत्यादि शामिल हैैं। अभी इन वार्डों में सीवरेज के काम को पूरा किया जाना बाकी है।

यह बात सही है कि एरिया में सीवरेज की सुविधा नहीं है, जिसकी वजह से खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार यह सुविधा दिए जाने की मांग भी की गई, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा।

-सरबजीत

वक्त गुजरता जा रहा है, लेकिन अभी तक सीवर लाइन की सुविधा नहीं मिल सकी है। सीवरेज सिस्टम न होने की वजह से हर साल बारिश में एरिया टापू में तब्दील हो जाता है। इस तरफ ध्यान दिया जाना चाहिए।

-धर्मेंद्र

जब प्रोजेक्ट बना था, तब उम्मीद जगी थी कि अब सीवरेज की समस्या से उन्हें राहत मिल जाएगी, लेकिन जैसे-जैसे वक्त गुजरा, उम्मीदें कागजों में ही सिमट कर रह गईं।

-अवधेश

अभी तक सीवरेज की समस्या को दूर करने के लिए कोई भी कदम नहीं उठाया गया है। बारिश होने पर टेंशन बढ़ जाती है।

-धीरेंद्र

करीब 10 साल पहले सीवरेज प्रोजेक्ट बना था। इसके बाद कुछ वार्डों में तो काम हुआ, लेकिन तीन वार्डों में बिल्कुल भी कदम नहीं उठाए गए। सीवरेज सिस्टम न होने की वजह से लाखों लोगों को जलभराव की समस्या का सामना करना पड़ता है। शहर सरकार से कई बार सीवरेज प्रोजेक्ट की मांग की गई, लेकिन अभी तक धरातल पर कुछ नहीं हुआ है।

-गिरीश मिश्रा, वार्ड पार्षद, रामजी सरदार पटेल नगर वार्ड