- केजीएमयू में दो दिवसीय यूपीऐएसआईकोन की हुई शुरुआत

LUCKNOW: कई बार ज्यादा देर तक खड़े या बैठ कर काम करने से पैरों की नसें फूल जाती हैं और अलसर तक बन जाते हैं। पैरों में चकत्ते पड़ने व हल्की सूजन आने के साथ स्किन खराब हो जाती है, जिसे वैरिकोज वैंस कहते हैं। ऐसे में लेजर व रेडिया फ्रीक्वेंसी एबलेशन जैसे नए ट्रीटमेंट से इलाज किया जा सकता है। यह बात डॉ। अजय खन्ना ने केजीएमयू द्वारा दो दिवसीय यूपीऐएसआईकोन-2020 के पहले दिन शनिवार को कहीं।

लेटेस्ट सर्जरी का जोर

पीजीआई के डॉ। अनीश श्रीवास्तव ने कहा कि गुर्दा पथरी रोग के सर्जिकल मैनेजमेंट पर ध्यान देन की जरूरत है। बड़े व छोटे स्टोन लोकेशन के आधार पर लेटेस्ट ट्रीटमेंट काफी है। पीसीएनएल विधि के मिनीफार्म से दो-तीन सेमी के स्टोन निकाल सकते हैं। डॉ। अली जमीर खान ने वीडियो असिस्टेड थोरैसिक सर्जरी ट्रेनिंग के बारे में बताया। इस विधि से लंग्स सर्जरी वीडियो अस्सिटेड होने से ज्यादा अच्छे से ट्रीट किया जा सकता है। कार्यक्रम में केजीएमयू के जनरल सर्जरी विभाग के एचओडी डॉ। अभिनव ए सोनकर ने गॉल ब्लैडर कैंसर के उपचार और डॉ। वीके कपूर ने पित्ताशय की बीमारियों पर अपनी बात रखी।

ये हुये सम्मानित

कार्यक्रम में डॉ। एके सिंह, वीसी अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल यूनिवर्सिटी को प्रख्यात वरिष्ठ सर्जिकल शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वहीं डॉ। अवनीश कुमार और डॉ। अजय कुमार पाल को भी सम्मानित किया गया।