लखनऊ (ब्यूरो)। केजीएमयू ओपीडी में तीमारदार और कर्मचारियों के बीच मारपीट की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। बुधवार को ईएनटी की ओपीडी में तीमारदार की डॉक्टर व कर्मचारी से मारपीट हो गई, जिसमें कई लोग चोटिल हो गये। अचानक हुई इस मारपीट की घटना से ओपीडी में अफरातफरी मच गई। लोग खुद को बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। किसी तरह डॉक्टरों ने समझा बुझाकर मामला शांत कराया, जिसके बाद स्थिति सामान्य हुई।

दिखाने के दौरान हुई मारपीट

केजीएमयू के ईएनटी विभाग की ओपीडी ओल्ड बिल्डिंग में चलती है। बुधवार को यहां 400 से अधिक मरीज दिखाने पहुंच गये। इसी दौरान पीएसी 35 बटालियन में तैनात एक पुलिसकर्मी अपने बेटे को दिखाने पहुंचे। नंबर आने पर जब बेटे को लेकर अंदर आये तो दो रेजिडेंट डॉक्टर ने मरीज का परीक्षण शुरू किया। आरोप है कि डॉक्टर के देखने के दौरान मरीज बदतमीजी करने लगा। जिसके बाद जब गार्ड को बुलाया तो उससे भी बहस होने लगी। इसी बीच उसने पर्चा फाड़ते हुए डॉक्टर की हेडलाइट तोड़ हाथ उठा दिया। जिसके बाद मामला बढ़ गया और वहां पर अफरातफरी मच गई।

कई गंभीर मरीज बिना दिखाये लौटे

डॉक्टर व कर्मचारियों की तीमारदार और मरीज से मारपीट के चलते ओपीडी में भगदड़ मच गई। दूसरे तीमारदार अपनों को बचाने के लिए भागे। गंभीर मरीज किसी तरह जान बचाकर वहां से निकले। करीब आधे घंटे तक ईएनटी विभाग की ओपीडी में हंगामा चलता रहा। प्रवक्ता डॉ। सुधीर सिंह ने बताया कि प्रॉक्टर ने मामले की शिकायत चौक पुलिस में कर दी है।

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लैब टेक्नीशियन कर रहा बाबू का काम

केजीएमयू से विवादों का साया हटने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन कोई न कोई नया प्रकरण सामने आता रहता है। ताजा मामला एक कर्मचारी की उम्र संबंधित है, जहां उसकी नियुक्ति उम्र पूरी होने के बावजूद नौकरी मिलने को लेकर कुलसचिव से शिकायत की गई है। आरोप है कि 42 साल की उम्र में नियुक्ति पाने के बाद पिछले 10 साल से यह कर्मचारी एक ही पटल पर जमा हुआ है, जबकि वह लैब टेक्नीशियन के पद पर भर्ती हुआ था, इसके बावजूद वह डॉक्टरों की सैलरी बनाने का काम करता आ रहा है।

अधिकतम उम्र पूरी होने के बावजूद मिली नौकरी

शिकायकर्ताओं का आरोप है कि लैब टेक्नीशियन के पद पर तैनात एक कर्मचारी की नियुक्ति 42 साल की उम्र में हुई है, जबकि किसी भी कर्मचारी को सभी छूट के बाद अधिकतम 40 साल तक नियुक्ति दी जा सकती है। इसके बावजूद यह कर्मचारी 42 साल की उम्र में नौकरी पर रखा गया। नियुक्ति पाने के बाद से यह कर्मचारी एक ही पटल पर तैनात है, जबकि तीन साल में हर कर्मचारी का तबादला करने का आदेश है।

कुलसचिव से हुई शिकायत

मामले को लेकर 10 से ज्यादा लोगों ने कुलसचिव के पास लिखित शिकायत दर्ज कराई है। जिसमें उक्त कर्मचारी का पटल परिवर्तन करने के साथ मामले की जांच की मांग की गई है। वहीं, केजीएमयू प्रवक्ता डॉ। सुधीर सिंह का कहना है कि इस मामले की जांच कराने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। हालांकि, ऐसा होना संभव नहीं है।