लखनऊ (ब्यूरो)। शहर में कुत्ते के काटने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। कुछ दिन पहले कुर्सी रोड पर एक बुजुर्ग पर कुत्ते के हमले के बाद मंगलवार को बाजारखाला के ऐशबाग रोड स्थित बुलाकी अड्डा इलाके में दो वर्षीय मासूम को फ्रेंच मास्टिफ ब्रीड के कुत्ते ने पीठ पर काटकर गंभीर रूप से घायल कर दिया है। कुत्ते के काटने से घबराए परिजन बच्ची को जिला अस्पताल बलरामपुर ले गए, जहां उसको प्राथमिक उपचार देकर घर भेज दिया गया।

तीन कारणों से होते हैं अग्रेसिव

नगर पशु कल्याण अधिकारी, नगर निगम डॉ। अभिनव वर्मा ने बताया कि कुत्तों के काटने के मुख्य तीन कारण होते हैं। इसमें पहला उनका माइग्रेशन है। कुत्तों की जगह बदलने से भी उनमें अग्रेशन बढ़ता है। दूसरे कारण में उनकी फीडिंग का पार्ट शामिल है। अगर उन्हें ठीक से खाना नहीं मिल रहा है या न्यूट्रिशन की कमी है या उन्हें खाते वक्त छेड़ा जा रहा है तो भी वे अग्रेसिव हो सकते हैं। इसके अलावा मेटिंग के दौरान भी उनमें अग्रेशन बढ़ता है और वे आक्रामक हो जाते हैं।

बड़े की जगह छोटे कुत्ते पालें

डॉ। अभिनव वर्मा का कहना है कि देश में कुत्तों की कोई भी ब्रीड प्रतिबंधित नहीं है, लेकिन इस तरह की घटनाओं को देखकर नगर निगम ने एक गाइडलाइन जारी की थी, जिसमें सलाह दी गई थी कि बड़े ब्रीड के कुत्तों को पालने की बजाय छोटी ब्रीड या फ्रेंडली ब्रीड ही घरों में पाली जाए। उनका कहना है कि जर्मन शेफर्ड, रॉटविलर, डाबरमैन, साइबेरियन हस्की, पिटबुल, फ्रेंच मास्टिफ या जर्मन मास्टिफ को पालने के लिए प्रॉपर स्पेस व प्रॉपर ट्रेनिंग की जरूरत होती है। इनको कम स्पेस वाले घरों में न पालें। इनके बजाय पॉमेरेनियन, पग या लैब्राडोर और गोल्डन रिट्रीवर बेहतर विकल्प हो सकते हैं।