लखनऊ (ब्यूरो)। डफरिन अस्पातल के पीडियाट्रिशियन डॉ इमरान के मुताबिक बदलते मौसम की वजह से बच्चों में वायरल, इंफेक्शन, दस्त, बुखार और सांस लेने में दिक्कत आदि की समस्या हो सकती है। अगर बच्चा तेज-तेज सांस लेता हुआ नजर आए तो तत्काल को डॉक्टर को दिखाएं। बच्चे को अगर खांसी हो तो अपने आप से कोई भी कफ सिरप या दवा न दें। यह फायदा करने की जगह उसे नुकसान कर सकती है।
ऐसे करें बचाव
डॉ इमरान के मुताबिक जो नवजात 6 माह से कम उम्र के हैं, उनको मां का दूध पिलाते रहें। वहीं, जो 6 माह से अधिक आयु के बच्चे हैं उनको केवल घर का ही बना खाना दें। बच्चे को बुखार हो तो अधिक कपड़े न पहनाएं। बच्चों को समय पर सभी वैक्सीन लगवाएं। बच्चों को लिक्विड डायट देते रहें, ताकि उनकी बॉडी हायडे्रट बनी रहे।
बढ़ते हैं डायरिया के केस
लोहिया संस्थान के पीडियाट्रिशियन डॉ शशांक सिंह के मुताबिक बदलते मौसम से बच्चों में कई तरह की बीमारियां घर कर लेती हैं। बुखार, उल्टी व दस्त की समस्या से ग्रसित बच्चे अस्पताल में अधिक आ रहे हैं, क्योंकि गर्मी होने से लोग पंखे चला देते हैं। इस बदलते मौसम में बच्चों को ठंडा पानी न दें। गर्मी जब शुरू होती है, उस समय डायरिया के केस बढ़ते हैं, इसे देखते हुए बच्चों के शरीर में पानी की कमी न होने दें।

इन बीमारियों का खतरा
- वायरल फीवर
- इंफेक्शन
- दस्त आना
- बदन में दर्द
- सांस फूलना

बच्चे को खांसी आने पर बिना डॉक्टर की सलाह के उसे कोई कफ सिरप न दें। इससे उसे फायदा होने की जगह नुकसान हो सकता है।
डॉ इमरान, पीडियाट्रिशियन, डफरिन अस्पताल

इस बदलते मौसम में बच्चों को ठंडा पानी न दें। गर्मी जब शुरू होती है, उस समय डायरिया के केस बढ़ते हैं।
डॉ शशांक सिंह, पीडियाट्रिशियन, लोहिया संस्थान