- वनस्पति तेल, मिठाई, कचरी, पापड़, मेवा सब में हो रही है मिलावट

- मोटा मुनाफा कमाने के लिए मिलावटखोर लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने पर उतारू

LUCKNOW: होली के त्योहार को लेकर घर-घर में पकवान बनाने के लिए अभी से तैयारियों शुरू हो गई हैं। कहीं मेहमानों के स्वागत के इंतजाम को लेकर हलचल है तो कहीं होली के हुड़दंग की तैयारी चल रही है। खाने-खिलाने के इस त्योहार के नजदीक आते ही मार्केट पर मिलावट का रंग भी तेजी से चढ़ रहा है। अपनी जेब भरने के लिए मिलावटखोरों ने मिलावटी सामान बाजार में उतार दिया है। ऐसे में कहीं होली की खुशियों के रंग में भंग ना पड़ जाए, इसलिए खाने-खिलाने वाले आइटम की खरीदारी जरा सोच संभल कर ही करें।

घरों में शुरू होगी खरीदारी

होली के त्योहार के लिए घरों में खरीदारी दो मार्च होलाष्टक लगने के साथ शुरू हो जाएगी। घरों की साफ-सफाई के साथ ही बाजारों से खाने-पीने वाले आइटमों की डिमांड बढ़ जाएगी। होली पर सबसे ज्यादा जहां मैदा प्रयोग किया जाता है वहीं उसके बाद सबसे अधिक मात्रा में रिफाइंड या तेल का प्रयोग होता है। सबसे अधिक मिलावट तेल में होती है। इसके बाद बेसन, सूजी, दूध, पापड़ भी मार्केट में मिलावटी पहुंच रहे हैं। इन आइटम के बाद मेवे का प्रयोग हर घर में होता है, लेकिन अब बाजार में मेवा तक मिलावटी पहुंच रहा है। सबसे अधिक मिलावट पिस्ते में हो रही है। इसके बाद काजू में लोगों को ठगा जा रहा है।

सप्लाई से अधिक डिमांड

व्यापारियों के अनुसार होली के चलते खरीदारी अगले हफ्ते शुरू हो जाएगी। कई घरों से लोगों के फोन आने भी लगे हैं। कई जगह से लिस्ट भेजी जा रही है। डिमांड इतनी अधिक है कि स्टॉक भी कम पड़ जाएगा। ऐसे में डिमांड को देखते हुए बाहर से आने वाले आइटम के आर्डर कर दिए गए हैं। ऐसे में मिलावटी आइटम भी मार्केट में आने की संभावना बन गई है।

बॉक्स

ऐसे करें नकली की पहचान

केसर में डाल दें पानी

होली के त्योहार में मिठाई और मीठे आइटम का टेस्ट बढ़ाने के लिए केसर का प्रयोग किया जाता है, लेकिन मार्केट में असली केसर की जगह नकली केसर ही मिल रही है। असली केसर की पहचान आसानी से हो जाती है। इस पर पानी में डालने से यह रंग छोड़ने लगता है। असली केसर को पानी में घंटों रख देने पर भी कोई फर्क नहीं पड़ता।

- आयोडीन से होगी जांच

बासी आइटम का प्रयोग ना करना पड़े इसलिए लोग रबड़ी, पनीर और छेना खरीदना ही प्रीफर करते हैं, लेकिन इसमें भी मिलावट हो रही है। पनीर में आरारोट मिलाया जा रहा तो दूध कैमिकल या फिर डिटजर्ेंट से तैयार किया जा रहा है। दूध की जांच आयोडीन से की जाती है। आयोडीन की कुछ बूंदें दूध में डालें। अगर रंग काला, नीला या बैंगनी हुआ तो यह दूध मिलावटी है।

- पांच मिनट तक छोड़ दें

तेल में खूब मिलावट हो रही है। इसमें घटिया तेल मिला दिया जाता है। इसके लिए एडिबिल ऑयल में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल को मिलाकर हिलाएं। पांच मिनट बाद लाल रंग दिखे तो मिलावट है।

- लाल रंग खोल देगा पोल

बेसन में जहां मटर मिलाई जा रही वहीं मैदा में जमकर आरारोड का प्रयोग किया जा रहा है। बेसन, सूजी और मैदा में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल मिलाने पर इसका रंग लाल या गुलाबी होता है तो यह मिलावटी है।

कोट

मिलावटी चीजें सेहत के लिए बहुत हानिकारक हैं। इनका सीधा प्रभाव पेट, लीवर और हार्ट पर पड़ता है। इसके अलावा पेट दर्द, सिर दर्द, शरीर टूटना, बुखार आना, हृदय पर प्रभाव और सांस संबंधित बीमारियां भी मिलावटी खाना खाने से हो सकती हैं।

डॉ। सुरेश सिंह

फिजीशियन

इसके बारे में भी जानें

पिस्ता के दाम छह हजार रुपये प्रति किलोग्राम हैं। इसमें मूंगफली के दाने को रंग कर मिला दिया जाता है। खाने पर इसकी मिलावट के बारे में पता चलता है। मिलावटी किशमिश अंगूर को सूखा कर तैयार की जाती है।

कोट

त्योहार के चलते मिलावट को रोकने के लिए अभियान शुरू हो चुका है। इसमें तेजी लाई जाएगी। इसके अलावा यदि किसी व्यक्ति को कहीं मिलावट के बारे में पता चलता है, तो वह हमें सूचित कर सकता है।

डॉ। एसपी सिंह

अभिहित अधिकारी

खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, लखनऊ