- सिविल और बलरामपुर हॉस्पिटल में मानसिक रोगियों को लिखी जा रही हैं बाहर की दवा

- कार्पोरेशन से नहीं मिली है अभी तक दवा, मरीज दवा बाहर से खरीदने को मजबूर

LUCKNOW :

राजधानी के सरकारी अस्पतालों में दवाओं की कमी से मरीज बाहर से महंगी दवाएं खरीदने को मजबूर हैं। कारपोरेशन से समय पर दवा की सप्लाई नहीं होने से अस्पतालों में दवाओं की कमी बनी हुई है। जिसका खामियाजा मरीज भुगत रहे हैं। सिविल और बलरामपुर हॉस्पिटल में मानसिक रोगियों के इलाज में दवाओं की कमी बाधा बन रही है। वहीं इस मामले में हॉस्पिटल प्रशासन का कहना है कि जो दवाएं नहीं है, कारपोरेशन से उनकी डिमांड की गई है। दवा आते ही सभी दवाएं मरीजों को मिलने लगेंगी।

अलग से है दवा काउंटर

सिविल हॉस्पिटल में काफी समय से मानसिक रोग विभाग में दवाई की कमी है। मरीज काउंटर पर दवा लेने जाते हैं लेकिन उन्हें दवा मिलती नहीं है। जबकि यहां मानसिक रोगियों के लिए दवाओं के लिए अलग से काउंटर है। यहां अभी एल्प्रजोलाम ही मिल रही है। जबकि फेलोबार्बिटोन जैसी जरूरी दवा की कमी है। ऐसी दवाएं मरीज अस्पताल के बाहर बने मेडिकल स्टोर्स से काफी खर्च कर ले रहे हैं।

बाहर से खरीद रहे दवा

यही हाल बलरामपुर हॉस्पिटल का भी है। यहां मानसिक रोग विभाग की ओपीडी में डेली हजार से ज्यादा पेशेंट आते हैं। डॉक्टर ओपीडी में मरीजों को देख तो रहे हैं, लेकिन उन्हें यहां दवा काउंटर से फ्री में मिलने वाली दवाएं नहीं मिल रही हैं। हॉस्पिटल में झटका आने पर दी जाने वाली फेनोबार्बिटोन दवा नहीं मिल रही है।

तीमारदार परेशान

सिविल में दवाइयां लेने आये तो बताया गया कि कुछ दवाएं अभी नहीं हैं। मजबूरी में इन दवाओं को बाहर से खरीदना पड़ रहा है।

पूनम कुमारी

सिविल अस्पताल में डॉक्टरों की लिखी कई दवाएं नहीं मिल पाती हैं। जब भी पूछो तो कहा जाता है कि जब दवा आएगी तो मिल जाएगी।

डीएन शर्मा

बोले जिम्मेदार

हॉस्पिटल में कुछ दवाएं नहीं मिल रही हैं। डॉक्टर दवाएं मरीज की जरूरत के अनुसार लिख रहे हैं। जल्द ही सभी दवाएं आ जाएंगी।

एसएम त्रिपाठी, प्रवक्ता बलरामपुर हॉस्पिटल

मानसिक रोग की दवा अलग काउंटर से मिलती है। कुछ दवाओं की कमी है। इसके लिए कारपोरेशन को लिखा गया है। दवा आते ही मरीजों को मिलने लगेंगी।

- डॉ। आशुतोष दूबे, एमएस सिविल हॉस्पिटल