लखनऊ (ब्यूरो)। पॉलीकार्बोनेट मैटेरियल से बनी मीटर बॉडी को एक खास केमिकल के माध्यम से बहुत ही सफाई से काटा जाना चर्चा का विषय बना हुआ है। उपभोक्ता परिषद ने मांग रखी है कि बिजली कंपनियां इस मुद्दे पर तत्काल सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग से संपर्र्क कर बॉडी मैटेरियल बदलाव करें। उपभोक्ता परिषद ने जब पूरे देश के मीटर लेबोरेट्री व टेक्निकल पैरामीटर को तलाशा और छानबीन की तो एक बात तो साफ हो गई कि अब देश में लंबे समय से मीटर की बॉडी जो पॉलीकार्बोनेट मैटेरियल की बनाई जा रही थी, उसमें बदलाव करने की जरूरत है।

इस केमिकल से किया जाता खेल
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा बनाई गई गाइडलाइन के तहत अभी तक मीटर से संबंधित सभी टेस्ट बरसों से सेंट्रल पावर रिसर्च इंस्टीट्यूट करता चला आ रहा है लेकिन अब जब लखनऊ में मीटर की बॉडी जो पॉलीकार्बोनेट मैटेरियल से बनी होती है, उसको मीटर धीमा करने वाले गैंग ने टेट्रा हाइड्रो फ्यूरान नामक केमिकल से बहुत ही आसानी से काट दिया।

लंबे समय से था सुरक्षित
जिसके बाद अब देश के सभी ऊर्जा संस्थानों व केंद्रीय रिसर्च संस्थानों को अविलंब इस बात के लिए गहन मंत्रणा करनी होगी कि लंबे समय से मीटर की बॉडी जो पॉलीकार्बोनेट के रूप में सुरक्षित थी अब उसमें सेंध लग गई है। ऐसे में बिजली कंपनियों के पास एक ही उपाय है कि वह सबसे पहले सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी से संपर्क कर कोई ऐसा कंपाउंड मैटेरियल तलाश करें, जो किसी केमिकल से घुल या कट ना सके।