LUCKNOW : गोमती नगर स्थित केंद्रीय विद्यालय में इंटरमीडिएट की छात्रा से रेप के मामले में आखिरकार स्कूल के प्रिंसिपल को उनके पद से हटा दिया गया है। सूत्रों का कहना है कि इस मामले में जांच के लिए गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में स्कूल के प्रिंसिपल को इस मामले में लापरवाही बरतने और समय रहते जरूरी कदम न उठाने कार पद से हटा दिया है। केंद्रीय विद्यालय संगठन की ओर से गुरुवार को प्रिंसिपल अरविंद गौर को उनके पद से हटा दिया।

एके पांडेय बने नए पि्रंसिपल

केंद्रीय विद्यालय संगठन की ओर से गोमती नगर केंद्रीय विद्यालय स्कूल के नए प्रिंसिपल के तौर पर एके पांडेय को नियुक्ति कर दिया गया है। वह अभी तक जबलपुर में तैनात थे। वहीं अरविंद गौर को यहां से हटाकर उन्हें मेरठ स्थित केंद्रीय विद्यालय में पि्रंसिपल के पद पर भेज दिया गया है। यह जानकारी देते हुए लखनऊ केंद्रीय विद्यालय संगठन की अध्यक्ष संतोष मिरधा ने बताया कि संगठन के निर्णय के बाद ही प्रिंसिपल को यहां से हटाया गया है। हमारी पूरी कोशिश है कि इस मामले में पूरी निष्पक्ष जांच और दूसरे स्टूडेंट्स को इस मामले के कारण उनके पढ़ाई पर कोई नुकशान न हो।

लापरवाही पर नपे प्रिंसिपल

सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय विद्यालय संगठन की ओर से प्रिंसिपल अरविंद गौर के खिलाफ छात्रा के साथ रेप के मामले में लापरवाही करने के आरोप का दोषी पाया गया है। स्कूल के सूत्रों का कहना है कि छात्रा के साथ घटना का संज्ञान कई दिनों पहले आने के बाद भी स्कूल प्रिंसिपल की ओर से इस मामले में लापरवाही दिखाते हुए शिक्षक पर कोई कार्रवाई नहीं किया और उल्टा पैरेंट्स को इस मामले पर कार्रवाई न करने की बात कही है। जिसके बाद संगठन ने जांच रिपोर्ट के बाद पि्रंसिपल पर कार्रवाई की है।