लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में करीब दो वर्ष बाद ईद का त्यौहार बड़े हर्ष व उल्लास और अमन-शांति के साथ मनाया गया। एक ओर जहां मस्जिदों में भारी संख्या में नमाजी पहुंचे, तो दूसरी ओर घरों में भी मेहमानों की रौनक रही। लोगों ने सिवई खाकर और एक-दूसरे को गले लगाकर ईद की बधाई दी। बच्चे भी ईदी पाकर बहुत खुश नजर आये। नमाज के दौरान पुलिस का कड़ा सुरक्षा-पहरा भी रहा और ड्रोन से भी निगरानी हुई।

मस्जिदों में हुई नमाज अदा

ईद की नमाज के दौरान, ईदगाह ऐशबाग, आसिफी मस्जिद, टीले वाली मस्जिद व इमामबाड़ों समेत अन्य मस्जिदों में बड़ी संख्या में नमाजियों ने पहुंचकर नमाज पढ़ी और इसके बाद एक-दूसरे को गले लगाकर मुबारकबाद दी। ईदगाह में हुई नमाज में पांच लाख से ज्यादा मुसलमानों ने इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली की इमामत में नमाज अदा की। साथ ही लखनऊ, उत्तर प्रदेश और पूरे देश में अमन व शांति के लिए विशेष दुआयें कीं। इस दौरान सभी के चेहरों पर खुशी साफ झलक रही थी। बड़ी संख्या में औरतों ने भी ईदगाह पहुंचकर नमाज अदा की। उनके लिए विशेष इंतजाम किये गए थे।

डिप्टी सीएम पहुंचे ईदगाह

ईद के अवसर पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, मंत्री दानिश आजाद अंसारी, विधायक रविदास मेहरोत्रा, विधायक अरमान खान, पूर्व सीएम अखिलेश यादव, पूर्व डिप्टी सीएम डॉ। दिनेश शर्मा के अलावा प्रदेश के विभिन्न राजनैतिक पार्टियों के लीडरों और सरकार के उच्च अधिकारियों ने ईदगाह आकर इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली और तमाम मुसलमानों को ईद की मुबारकबाद देकर प्रदेश और देश की गंगा-जमुनी तहजीब का बेहतरीन नमूना पेश किया।

अमन व शांति का पैगाम दिया

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि हजरत मुहम्मद साहब ने दुनिया को अमन व शांति का पैगाम दिया है। ईद में हम एक-दूसरे के गले मिल कर दुनिया को आपसी सौहार्द का संदेश देते हैं। पूर्व डिप्टी सीएम डॉ। दिनेश शर्मा ने कहा कि हमारा प्रदेश गंगा-जमुनी तहजीब की एक बड़ी मिसाल है। ईदगाह से हमेशा यही पैगाम दिया जाता है। ईदगाह के सामने ही रामलीला मैदान है। वहीं पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि हम सबको हर त्यौहार मिल जुल कर मनाने चाहिए। यही हमारे देश की शान है। ईद में हम गले मिलकर एक होने का संदेश देते हैं।

शिक्षा की जरूरत सबसे ज्यादा

इमाम ईदगाह ने अपने ईद के खुतबे में ईद उल फित्र की अहमियत, मुसलमानों के लिए शिक्षा की जरूरत और उनकी तामीर व तरक्की की जरूरत पर जोर दिया। मौलाना ने कहा कि रमजान के पूरे रोजे रखने के बाद इस्लामी माह शव्वाल की पहली तारीख को खुदा पाक की तरफ से रोजेदारों को जो इनाम दिया जाता है उसको ईद उल फित्र कहते हैं। ईद खुशियों और भाईचारे व अमन का पैगाम देती है।