लखनऊ (ब्यूरो)। केजीएमयू में दिवाली वाले दिन इमरजेंसी में सफल लिवर ट्रांसप्लांट किया गया। जहां डॉक्टरों ने ब्रेन डेड एकता के परिजनों की काउंसलिंग के बाद उन्हें उसका लिवर डोनेट कराने को राजी किया। जिसके बाद सोमवार सुबह लिवर ट्रांसप्लांट किया गया। ट्रांसप्लांट के बाद मरीज की हालत में सुधार हो रहा है। एकता ने दुनिया से विदा लेने के बाद दूसरे को जीवनदान देने का काम किया है।

परिजन अंगदान को हुए राजी

अंबेडकर नगर के महमदपुर निवासी 18 वर्षीय एकता पांडेय को करीब दो साल पहले खून की कमी की समस्या पर परिजनों द्वारा एक निजी अस्पताल में दिखाया गया। पिता अजय कुमार पांडेय के मुताबिक, बीते शनिवार बेटी की तबीयत अचानक बिगड़ी तो अस्पताल ले गए। वहां बेटी की हालत को गंभीर बताते हुए लखनऊ रेफर कर दिया गया। महानगर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां गुर्दे की गंभीर बीमारी के साथ ब्लड प्रेशर बढऩे से परेशानी बढ़ गई। पर इलाज के दौरान तबियत लगातार खराब होती गई। जिसके बाद उसे लेकर केजीएमयू पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने वेंटिलेटर पर भर्ती किया।

ब्रेन डेड घोषित किया

रविवार रात हालत और बिगड़ गई। जिसके बाद ब्रेन डेथ कमेटी ने एकता की जरूरी जांचें कराईं। इसके बाद उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया। इसके बाद प्रत्यारोपण समन्यवक पियूष श्रीवास्तव और क्षितिज वर्मा ने परिवारीजनों से भेंटकर काउंसलिंग करते हुए उन्हें अंगदान के लिए प्रेरित किया।

सोमवार तड़के शुरू किया ट्रांसप्लांट

केजीएमयू में लिवर सिरोसिस से पीड़ित 58 वर्षीय पुरुष का ट्रांसप्लांट के लिए चयन किया गया। सोमवार तड़के तक सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद सुबह करीब चार बजे शुरू हुई ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया शाम चार बजे तक चली।

परिवारीजनों को सलाम

गेस्ट्रो सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ। अभिजीत चंद्रा ने बताया कि लिवर ट्रांसप्लांट बेहद कठिन प्रक्रिया है। परिवारीजनों ने धैर्य से अंगदान प्रक्रिया पूरी कराई। इसके लिए मानवता उन्हें हमेशा याद रखेगी। हम लोग ऐसे परिवार को नमन करते हैं। केजीएमयू में अब तक 18 लिवर ट्रांसप्लांट हो चुके हैं।

ये रहे टीम में शामिल

लिवर ट्रांसप्लांट करने वाले डॉक्टरों की टीम में गैस्ट्रो सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ। अभिजीत चंद्रा, डॉ। विवेक गुप्ता, डॉ। आशीष, डॉ। सुभाष गुप्ता, डॉ। राजेश डे के नेतृत्व में निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने भी सहयोग किया।