लखनऊ (ब्यूरो)। प्रदेश के सभी शहरों को सेफ सिटी बनाने के लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। इसके अंतर्गत पहले चरण में 17 नगर निगम सेफ बनेंगे और इसके बाद 200 नगर पालिकाओं में भी सेफ्टी से रिलेटेड कदम उठाए जाएंगे। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत घरों से लेकर मार्केट्स या कहीं भी सार्वजनिक स्थान पर लगे कैमरों को स्मार्ट कंट्रोल रूम से इंटीग्रेड किया जाएगा फिर 24 घंटे हर एक प्वाइंट पर नजर रखी जाएगी।

तीन चरणों में इंप्लीमेंट होगा प्रोजेक्ट

इस प्रोजेक्ट को तीन चरणों में इंप्लीमेंट किया जाएगा। पहले चरण में 17 नगर निगम, दूसरे चरण में 200 नगर पालिकाएं, वहीं, तीसरे चरण में प्राप्त वीडियो में वीडियो एनालिटिक्स का इस्तेमाल कर सुरक्षा के दायरे को और भी बढ़ाया जाएगा। इसके अंतर्गत निजी प्रतिष्ठानों, घरों, बैंक, हॉस्पिटल, पेट्रोल पंप, पार्क, मॉल, स्कूल, सरकारी विभागों इत्यादि में लगे सीसीटीवी कैमरों को इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से जोड़ने का कार्य किया जाएगा।

ब्रेन स्टॉर्मिंग सेशन का आयोजन

प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात की अध्यक्षता में एक ब्रेन स्टॉर्मिंग सेशन का आयोजन नगरीय प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान-नगरीय निकाय निदेशालय के सभाकक्ष में किया गया। जिसमें सात कंपनियों ने बैठक में प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित होकर तथा 20 अन्य कंपनियों ने वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग किया। ब्रेन स्टॉर्मिंग सेशन में लखनऊ, कानपुर और अलीगढ़ नगर निगम में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रमुखता से चर्चा हुई।

ये होंगे फायदे

सेफ सिटी परियोजना अंतर्गत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का प्रयोग कर शत-प्रतिशत महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने, अपराधियों को पहचानने, शोहदों पर नकेल कसने, किसी आपात स्थिति में महिलाओं व बच्चों की तत्काल मदद पहुंचाने और आत्महत्या को रोकने में मदद को लेकर भी विस्तृत चर्चा हुई। सेफ सिटी परियोजना अंतर्गत आगामी तीन माह की अवधि में पहले चरण का कार्य पूरा हो जायेगा। इस सेशन में निदेशक नगरीय निकाय डॉ। नितिन बंसल, स्मार्ट सिटी मिशन निदेशक धर्मेंद्र प्रताप सिंह, विशेष सचिव सत्य प्रकाश पटेल, नगर आयुक्त लखनऊ इंद्रजीत सिंह, नगर आयुक्त कानपुर शिवशरणप्पा, विशेष सचिव गृह विभाग वीके सिंह आदि मौजूद रहे।