लखनऊ (ब्यूरो)। महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा का दावा तो बहुत किया जाता है, पर इस दावे की पोल खुल गई है। यह हम नहीं, बल्कि राजधानी के अलग-अलग थानों में दर्ज गुमशुदगी के केस बता रहे हैं। इनमें लड़कियों की संख्या और अधिक चितिंत करती है। आंकड़े बताते हैं कि 12 से 18 वर्ष की लड़कियां सबसे ज्यादा गायब हो रहीं हैं। आखिर वे क्यों लापता हो रही है? किन वजहों से अपने परिवार से दूर हो रही हैं? अबतक कितनी लापता हैं? पढ़ें इन तमाम सवालों के जवाब तलाशती दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की खास रिपोर्ट

केस-1

महानगर थाना पुलिस को शिकायत दी गई है कि उनकी 14 साल की बेटी लापता है। बेटी घर से यह कहकर निकली थी कि वह मंदिर जा रही है, लेकिन लौटी नहीं। इस दौरान उसकी सहेलियों के घर से लेकर अन्य जगहों पर काफी तलाश की गई, लेकिन वह कहीं नहीं मिली।

केस-2

हाल ही में आशियाना थाना पलिस ने छात्रा के लापता होने का केस दर्ज किया था। परिजनों ने शिकायत में बताया था कि उनकी बेटी स्कूल गई थी, लेकिन वह घर वापस नहीं आई। हालांकि, पुलिस के काफी तालाश के बाद छात्रा को बाद में तलाश लिया था। जांच में सामने आया कि वह घरवालों से नाराज होकर सहेली के पास चली गई थी।

110 से ज्यादा लड़कियां लापता

लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि महज सात महीने में ही राजधानी से 110 से अधिक लड़कियां लापता हो गई हैं, यानी हर दूसरे दिन लापता होने का एक केस सामने आया। जिस वजह से पुलिस के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। इनमें महानगर, चिनहट, अलीगंज, बीकेटी, सरोजनीनगर, आशियाना, गुडम्बा आदि थानों में सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। अधिकारियों का कहना है कि इनमें ज्यादातर केस वे होते हैं, जो लड़कियां अपनी मर्जी से चली जाती हैं। अधिकतर केसों में सकुशल लड़कियों को तलाश लिया जाता है।

12 से 18 साल की लड़कियां

इस तरह से लापता होने पर चिंता का विषय है, लापता होने के चार महीने तक बरामद न होने पर इंवेस्टिगेशन को एंटी हृयूमन ट्रैफिकिंग यूनिट में ट्रांसफर कर दिया जाता है। बावजूद इसके लापता का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। इनमें लड़कियों की संख्या और अधिक चितिंत करती है। आंकड़े बताते हैं कि 12 से 18 वर्ष की लड़कियां सबसे ज्यादा गायब हो रहीं हैं। वहीं, पुलिस अधिकारियों ने ने बताया कि शहर से लापता होने वाले अधिकतर किशोरियों को तलाश लिया जाता है, लेकिन जांच में सामने आता है कि यह अपने मर्जी से घर छोड़कर चली जाती हैं।

क्यों उठाती हैं गलत कदम

- छोटी-छोटी बातों पर पैरेंट्स का डांटना

- घर में अकेला महसूस करना

- किसी के बहकावे में आने पर

- पढ़ाई में मन न लगने के चलते

ऐसे करें बचाव

- कोई गलत हरकत दिखने पर बात करें

- अच्छे दोस्तों की संगत हो

- उनकी हर समस्या को अच्छी तरह से सुनना

- बच्चियों की तरफ दिखाएं अपनापन

फैक्ट फाइल

- 110 गुमशुदगी के दर्ज हुए केस

- 01 गुमशुदगी हर दूसरे दिन

- 90 परसेंट होती है लड़कियों की संख्या

पैरेंट्स को ध्यान देने की जरूरत

वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ डॉ। देवाशीष शुक्ला का कहना है कि किशोरियों और बच्चों के घर से जाने के कई कारण होते हैं, जैसे घर में लड़ाई हो जाना, जिंदगी में कुछ अलग करने की चाह, पढ़ाई में मन न लगना या फिर किसी के साथ चली जाना। पर परिवार अगर इन पर थोड़ा ध्यान दें तो शायद बच्चे गलत कदम उठाने से बचें। इसके लिए सबसे जरूरी है कि उनकी छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देना, जितना ज्यादा पैरेंट्स अपने बच्चों पर ध्यान देंगे, उतना ही बच्चे अपनों के करीब रहते हैं।