लखनऊ (ब्यूरो)। बोर्ड एग्जाम की तैयारी में जुटे स्टूडेंट्स के लिए परीक्षा की तारीख नजदीक आ रही है। ऐसे में, बचे हुए समय में क्या पढ़ें और क्या छोड़ें, इसको लेकर कश्मकश की स्थिति बनी हुई है। इस बचे हुए समय में कई छात्र जहां रिवीजन कर रहे होंगे तो कई ऐसे होंगे जो अपने कमजोर टॉपिक्स पर पकड़ बनाने की कोशिश कर रहे होंगे। छात्रों की तैयारी को और पुख्ता करने के लिए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने विषय के विशेषज्ञों से बात की। आज हम मैथ्स के पेपर पर चर्चा करेंगे और जानेंगे कि कैसे बचे हुए समय और परीक्षा के समय छात्र थोड़ी सी सतर्कता से इस मुश्किल लगने वाले विषय में अच्छे अंक हासिल कर सकते हैं।

फॉम्र्यूले याद करना बहुत जरूरी

अमूमन देखा जाता है कि मैथ्स में भी बच्चे ओवरऑल स्टडी पर फोकस करने लगे हैं या कह सकते हैं कि वे सवाल हल करने की बजाय उसे पढ़ लेते हैं या रट लेते हैं। यह तरीका गलत है। मैथ्स प्रैक्टिस का सब्जेक्ट है। ऐसे में, किताब में जितने भी फॉम्र्यूले हैं, उनको याद करें और सवाल हल करते समय अलग से उनको लिखें भी। इससे एग्जामिनर को लगता है कि स्टूडेंट्स को बेसिक्स क्लियर हैं।

टाइम मैनेजमेंट से सुधरेगी कैलकुलेशन

एक्सपर्ट कहते हैं कि पेपर के दौरान सबसे ज्यादा गलतियां कैलकुलेशन में देखने को मिलती हैं। मैथ्स का पेपर लंबा आता है और उसे हल करने का तरीका बच्चों को मालूम नहीं होता। जल्दबाजी में वे कई गलतियां करते हैं। ऐसे में, इन दिनों सबसे ज्यादा जरूरी है कि टाइम सेट करके सवालों को हल करें। इससे प्रैक्टिस भी बनेगी और टाइम में सही तरीके से सवाल हल कर पाएंगे।

मॉडल पेपर और पुराने पेपर सॉल्व करें

मैथ्स की तैयारी का का सबसे अच्छा तरीका है कि बीते साल के और मॉडल पेपर खूब सॉल्व करें। इससे हर सवाल के साथ आपका कॉन्सेप्ट क्लियर होता जाएगा। पांच साल के पेपर देखेंगे तो क्या सबसे ज्यादा पूछा जा रहा है, किस तरह के सवाल आ रहे हैं। इसके बारे में भी जानकारी मिलेगी। किताबों के पीछे की एक्सरसाइज पार्ट को भी प्राथमिकता के साथ लगाएं, जितना प्रैक्टिस करेंगे उतनी तैयारी बेहतर होगी।

इन टॉपिक्स की प्रैक्टिस से करें बेहतर स्कोर

एक्सपर्ट का कहना है कि सीबीएसई 12वीं की बात करें तो कुछ ऐसे टॉपिक्स हैं, जिनको तैयार करने से कमजोर स्टूडेंट्स के भी अच्छे अंक आ सकते हैं। सीबीएसई मैथ्स में 3डी जियोमेट्री, मैट्रिसेस, डिटरमिनेंट, एलपीपी, एप्लीकेशन ऑफ डेरिवेशन और डिफरेंशिएशन को अच्छे से तैयार करें। जिन बच्चों को लगता है कि उनकी तैयारी बिगड़ी हुई है, उन्हें भी इससे मदद मिलेगी। इसके अलावा अगर आप यूपी बोर्ड के स्टूडेंट्स हैं, तो रिलेशन फंक्शन, इवो ट्रिग्नोमेट्री फंक्शन, डिटरमिनेंट और मैट्रिक्स, औव्यू विधि और मैक्सिमम व मिनिमम के सवाल पर जरूर फोकस करें।

लंबे सवाल पहले हल करें

स्टूडेंट्स को चाहिए कि पेपर में वे बड़े सवालों को पहले हल करें। सबसे आखिर में वेरी शॉर्ट क्वेश्चन हल करें। पेपर लंबा होने के कारण अगर वेरी शॉर्ट छूटेगा, तो महज एक दो अंकों का नुकसान होगा। लॉन्ग आंसर छूटेगा तो अच्छा स्कोर करने का चांस खत्म हो जाएगा।

सही रहेगी नींद और डाइट तो जवाब दे सकेंगे राइट

मन लगाकर ज्यादा देर तक पढ़ाई करने के लिए जरूरी है कि बच्चे अच्छी डाइट लें। परीक्षा की तैयारी के दौरान हमें किस तरह का भोजन करना चाहिए, यह जानना बेहद जरूरी है। पोषण युक्त भोजन न केवल हम में दिनभर ताकत और स्फूर्ति भरता है, बल्कि एकाग्रता को भी बढ़ाता है। डाइटिशियंस का भी मानना है कि समय पर पानी पीने के साथ भोजन करना बेहद जरूरी है। यह हमारे मानसिक स्वास्थ्य को अच्छा रखता है।

सही भोजन बेहद जरूरी

संजय गांधी पीजीआई में डाइटिशियन डॉ। शिल्पी त्रिपाठी ने बताया कि छात्रों को अपने भोजन में कम से कम आधी प्लेट सब्जियां, एक चौथाई प्लेट कार्बोहाइड्रेट और पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन जरूर शामिल करना चाहिए।

-कार्बोहाइड्रेट- साबुत अनाज टोस्ट, ब्राउन राइस, क्विनोआ और गेहूं ग्लूकोज, शकरकंद, कद्दू, लौकी आदि लें, आलू से बचें

- प्रोटीन - अंडा, पनीर, दूध, दही, छाछ, दाल, ड्राई फ्रूट्स और सीजनल फ्रूट्स शेक शामिल करें

- मछली-अपने लॉन्ग चेन ओमेगा-3 के कारण मछली मस्तिष्क स्वास्थ्य और एकाग्रता के लिए फायदेमंद है। सप्ताह में कम से कम दो बार ओमेगा-3 युक्त भोजन लें