लखनऊ (ब्यूरो)। लखनऊ में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत एडमिशन में बड़े स्तर पर खेल चल रहा है, जिसमें अधिकारी से कर्मचारी तक शामिल हैं। ये लोग पैसा लेकर उन बच्चों का नाम इस सूची में डाल रहे हैं, जो इसके हकदार नहीं हैं। यह दावा अनएडेड स्कूल एसोसिएशन ने किया है। जिसके चलते गरीब बच्चों का हक मारा जा रहा है। यह खेल बच्चों के नाम, पते में परिवर्तन कर फर्जी आधार, जन्म प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र बनाकर किया जा रहा है।

जहां पढ़ रहे, वहीं एडमिशन चाहिए

एक स्कूल के प्रबंध निदेशक के अनुसार बच्चा जिस निजी विद्यालय में कक्षा दो में पढ़ रहा है, वहीं आयु कम करके कक्षा एक में आरटीई में दाखिला ले रहा है। इस काम में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी अभिभावक का पूरा सहयोग कर रहे हैं। प्रबंधन व प्रिंसिपल को धमकी दे रहे है किए अपने यहां सभी को दाखिला दें नही तो विभागीय कार्यवाही की जाएगी।

नहीं हो रहा भौतिक सत्यापन

अनऐडेड स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग अपने आंकडों की खाना-पूर्ति करने के लिये लगभग सभी आवेदकों को कोई न कोई निजी विद्यालय आवंटित कर रहा है। विभाग फर्जी लाभार्थियों का किसी भी प्रकार का कोई भौतिक सत्यापन भी नहीं करता है। आरटीई के तहत प्रवेश लेने वालों के दो से तीन मंजिला घर है।

एफआईआर पर विचार

उन्होंने बताया कि निजी विद्यालय अब इन फर्जी आरटीई आवेदकों पर एफआईआर कराने पर विचार कर रहा है। समय आने पर अदालत में सारे सबूत रखे जाएंगे।

ये हैं आरटीई के नियम

- बच्चा जिस स्कूल में पहले से पढ़ रहा है, उसे वहां एडमिशन नहीं मिलेगा

- लाभार्थी परिवार की वार्षिक आय एक लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए