लखनऊ (ब्यूरो)। फिल्म 'स्पेशल-26' की तर्ज पर लखनऊ के इनकम टैक्स विभाग के मुख्यालय प्रत्यक्ष कर भवन में फर्जी अधिकारियों की टीम तैयार की जा रही थी। इनकम टैक्स मुख्यालय के अंदर फिल्मी अंदाज में विभाग में नौकरी देने का इंटरव्यू लिया जा रहा था। प्रत्यक्ष कर भवन की कैंटीन में यह फर्जीवाड़ा कई दिनों से चल रहा था। अचानक आईटी सेल को संदेह हुआ तो वहां मौजूद युवक व युवतियों से पूछताछ की गई। जिसमें नौकरी के लिए इंटरव्यू की बात सामने आई। विभाग के अधिकारियों को जानकारी हुई तो उनके होश उड़ गये। तत्काल विभाग के सभी मेन गेट बंद कर लोगों को अंदर रोक लिया गया। इस फर्जीवाड़े के संदेह में आये सभी अधिकारी, फर्जीवाड़ा गिरोह के मास्टरमाइंड व बेरोजगारों से देर शाम तक पूछताछ की जा रही थी। हालांकि, इस संबंध में अभी तक पुलिस को सूचना नहीं दी गई है।

मेन गेट बंद कराया, शुरू हुई जांच

इनकम टैक्स विभाग का मुख्यालय प्रत्यक्ष कर भवन नरही रोड पर है। मंगलवार को मुख्यालय की कैंटीन में दोपहर को अचानक कई युवकों व युवतियों की भीड़ देखी गई। इस पर संदेह हुआ, तो आईटी सेल के कुछ कर्मचारियों व अधिकारियों ने उनसे पूछताछ की। जिसमें पता चला कि कैंटीन में इंटरव्यू चल रहा है। आईटी सेल के अधिकारियों का संदेह और गहरा गया। संदेह इसलिए गहराया, क्योंकि विभाग में किसी भी पद का इंटरव्यू होगा तो कार्यालय में होगा नाकि कैंटीन में। इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी गई। उच्चाधिकारियों के पहुंचते ही कैंटीन में फर्जीवाड़ा करने वाले एक मास्टरमाइंड के साथ विभाग के दो इनकम टैक्स ऑफिसर भी मिले, जो मौका देखकर वहां से निकल गये। इसी बीच मेन गेट को बंद करा दिया गया था, जिसके कारण वे बाहर नहीं जा सके। सभी को एक जगह बुलाया गया। इसके बाद उनसे देर शाम तक पूछताछ की जा रही थी।

50 से अधिक बेरोजगारों का हुआ इंटरव्यू

इंटरव्यू लेने वाले संदिग्ध अधिकारी व मास्टरमाइंड ने बेरोजगारों का डाटा बेस तैयार कर रखा था। इसी डाटा बेस के जरिए कई दिनों से इंटरव्यू का खेल कैंटीन में चल रहा था। सूत्रों के मुताबिक, अब तक 200 से अधिक बेरोजगारों का इंटरव्यू लिया जा चुका है। मंगलवार को इंटरव्यू देने के लिए 50 से अधिक बेरोजगार पहुंच गये। इतनी बड़ी संख्या में युवक व युवतियों को देखकर विभागीय कर्मचारियों को संदेह हुआ, जिसके कारण इस फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हो गया।

मोबाइल जब्त कर जांच शुरू

फर्जीवाड़े की जानकारी होते ही उच्चाधिकारी तुरंत एक्शन में आ गये। कुछ कैंटीन भी पहुंच गये। उनके आते ही कैंटीन में भगदड़ मच गई। वहीं दो विभागीय अधिकारी भी वहां से निकलते देखे गये, जिनको तत्काल पकड़ लिया गया। उनको संयुक्त आयकर आयुक्त इंवेस्टिगेशन के पास पहुंचाया गया। कैंटीन में पकड़े गये सभी लोगों के मोबाइल को विभागीय अधिकारियों ने जब्त कर लिया है। साथ ही जांच शुरू कर दी गई है।

नाक के नीचे चल रहा था खेल

प्रत्यक्ष कर भवन की सुरक्षा के काफी पुख्ता इंतजाम किये गये हैं। इस विभाग में न तो कोई किसी अधिकारी की अनुमति के बिना अंदर आ सकता है और न बाहर जा सकता है। ऐसे में सवाल है कि इतनी बड़ी संख्या में लोग अंदर कैसे आ गए। इतना ही नहीं, कई दिनों से विभाग की नाक के नीचे फर्जीवाड़े का यह खेल चलता रहा। कई सुरक्षाकर्मी भी शक के घेरे में हैं, जिनसे पूछताछ शुरू कर दी गई हे। गेट पर रखे रजिस्टर की छानबीन की जा रही है। इसके अलावा कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी खंगाली जा रही है। इंस्पेक्टर हजरतगंज अखिलेश कुमार मिश्रा के मुताबिक, इस संबंध में अभी तक कोई तहरीर नहीं मिली है। तहरीर मिलने पर मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।