- मकान व प्लॉट के लिए भटक रहे 600 आवंटियों को करना था समायोजित

- एक साल बाद भी पूरा नहीं हुआ फेज वन का काम

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रुष्टयहृह्रङ्ख:

<द्गठ्ठद्दद्गठ्ठस्त्र>केस-1

आलमबाग के जय प्रकाश नगर निवासी अरविंद कुमार दूबे ने तेरह वर्ष पूर्व एलडीए में प्लॉट के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था। उन्हें प्राधिकरण ने कानपुर रोड पर प्लॉट संख्या ए-1/223 आवंटित किया। उन्होंने प्लॉट की पाई-पाई चुका दी, लेकिन एलडीए आज तक उन्हे कब्जा नहीं दे सका। जबकि कब्जे के लिए आवंटी कई बार बाबू से लेकर वीसी तक से गुहार लगा चुका है, लेकिन उसे सिर्फ आश्वासन के सिवाए आज तक कुछ नहीं मिला। ऐसे में वह प्राधिकरण के चक्कर लगाने को मजबूर है।

केस-2

राजाजीपुरम के निकट बुलाकी अड्डा निवासी सुशील कुमार सिंह को बसंतकुंज में एस-1/152 प्लॉट आवंटित हुआ था। जिसका पूरा पैसा भी उन्होंने जमा कर दिया, लेकिन 12 वर्ष बाद भी उन्हे प्लॉट पर कब्जा नहीं मिला। वह आज भी एलडीए के चक्कर लगा रहे हैं। यहां तक की प्राधिकरण दिवस में भी कई बार अधिकारियों से गुहार लगाई, लेकिन मनमाने अफसरों ने क ोई राहत नहीं दी।

600 आवंटियों का समायोजन बना सपना

यह दो केस तो बानगी भर हैं। प्राधिकरण में पूरा पैसा जमा करने के बाद प्लॉट पर कब्जा ना पाने वालों की संख्या 600 के पार है। इन आवंटियों को प्राधिकरण की ओर से कब्जा देने का आश्वासन तो दिया गया, लेकिन आज तक इन्हें कब्जा देने में प्राधिकरण अधिकारी नाकाम साबित हुए हैं। गोमतीनगर विस्तार के 350, बसंतकुंज योजना के 200, जानकीपुरम सहित अन्य योजनाओं के कुल 600 आवंटियों को समाधानपुरम योजना में समायोजित करने की प्लानिंग थी। इनमें 120 आवंटी ऐसे हैं, जिन्हें रजिस्ट्री के बाद भी प्लॉट पर कब्जा मिला सका है।

समाधानपुरम के तीनों फे ज अधूरे

प्राधिकरण ने एक साल पहले हरदोई रोड पर बसंतकुंज योजना के समाधानपुरम में आवंटियों को समायोजित करने की योजना बनायी थी। योजना में 1600 प्लॉट विकसित किए जाने की तैयारी है, लेकिन अभी तक एलडीए योजना का आधा कार्य भी पूरा नहीं कर सका। अफसरों की लापरवाही के चलते एक वर्ष से मामला अटका हुआ है। क्षेत्रीय अधिशाषी अभियंता पीके सिंह ने बताया कि समाधानपुरम योजना तीन फेजों में विकसित की जाएगी। अभी तक केवल एक ही फेज का कार्य शुरू हुआ है, जिसकी सड़कों और पार्कों को विकसित किया जा रहा है।

किसानों ने डाला था अड़ंगा

समाधानपुरम में आवंटियों को समायोजित करने के लिए एलडीए बोर्ड की बैठक में प्रपोजल पास किया गया था। जिसके तहत फ्लैट और प्लॉट में आवंटियों को समायोजित करना था, लेकिन अफसरों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। समय बीतने पर बसंतकुंज योजना के किसानों ने और मुआवजे की मांग कर दी। मुआवजा न बढ़ाने पर किसानों ने जबरन समाधानपुरम का कार्य रोक दिया। उन्होंने यहां काम कर रहे मजदूरों को मारपीट कर भगा दिया था। बाद में काफी मान-मनौव्वल पर किसान माने।

बसंतकुंज के किसानों से वार्ता की गयी है, किसान मान गए हैं। समाधानपुरम योजना का कार्य जारी है। इसी योजना में आवंटियों को समायोजित किया जाएगा।

अरुण कुमार, सचिव, एलडीए