- सिविल इंजीनियरिंग अपने दोस्त के साथ फर्जी एजेंट बनकर रिटर्न सामान उड़ा लेता था

- वीपीएम नेटवर्क की जगह यूसी ब्राउजर से हैक करते थे कंपनी की वेबसाइट

- कंपनी का उड़ाया गया सामान ओलेक्स पर सस्ते दाम बेच देते थे

LUCKNOW : जिस कंपनी में टेक्निकल हेड बनकर कई वर्षो तक नौकरी की, नौकरी छोड़ने के बाद उसे ही लाखों का चूना लगा दिया। यह शातिराना दिमाग एक सिविल इंजीनियर ने लगाया। वह अपने दोस्त के साथ मिलकर अमेजन कंपनी के कैंसिल आर्डर को कंपनी के एजेंट से पहले फर्जी तरीके से कस्टमर से रिसीव कर लेता था। इस तरह दोनों ने कंपनी को करीब पचास लाख रुपये से ज्यादा का चूना लगाया। इंजीनियर आर्डर कैंसिल की जानकारी हैदराबाद एक हेड की आईडी हैक कर पता कर लेता था। उसकी एक गलती ने उसे सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। कंपनी के लीगल हेड ने मडि़यांव थाने में शातिर के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया, जिसके बाद साइबर क्राइम सेल की मदद पुलिस ने दोनों को दबोच लिया।

तीन साल पहले छोड़ दी थी नौकरी

इंदिरानगर सेक्टर 14 के यतिन्द्र और गोसाईगंज के अंकित वर्मा तीन साल पहले अमेजन कंपनी में जॉब करते थे। अंकित वर्मा ने बाराबंकी स्थित एक कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग की थी जबकि यतिन्द्र ऑनलाइन बिजनेस कर रहा था। अंकित और यतिन्द्र अमेजन कंपनी में शिपमेंट के पिकअप सेक्शन में जॉब करते थे। ऐसे में उन्हें इसकी जानकारी थी कि कस्टमर ऑनलाइन आर्डर अगर कैंसिल करता है तो कंपनी किस प्रोसेज के तहत सामान वापसी लेती है।

कंपनी के हेड की मेल आईडी करते थे हैक

अमेजन कंपनी ऑनलाइन अलग-अलग प्रोडेक्ट बेचती है। अपने कस्टमर की सुविधा के लिए कंपनी सामान पसंद न आने पर प्रोडेक्ट वापसी की भी सुविधा देती है। इसी का फायदा उठाकर अंकित हैदराबाद में बैठे कंपनी के हेड की मेल आईडी हैक करता था और कस्टमर से सामान रिसीव कर लेता था। साइबर क्राइम सेल के अनुसार, इस दौरान वह पकड़े ना जाएं इसके लिए कंपनी के वीपीएम (वर्चुवल नेटवर्क) से साइट को हैक नहीं करते थे। वह यूसी ब्राउजर के जरिए मेल हैक करते थे। वन टाइम पासवर्ड के जरिए मेल की डिटेल हासिल करने के बाद उसे डिलिट कर देते थे ताकि वह पकड़े न जा सकें।

पिकअप एजेंट की आईडी भी हैक करते थे

मेल आईडी में किस कस्टमर का क्या सामान रिटर्न किया जा रहा है और उसकी टाइमिंग व डेट की डिटेल मेल पर होती थी। इसके बाद उसी आईडी के जरिए शिपमेंट पिकअप एजेंट के नाम की आईडी को भी हैक लेते थे। एजेंट की आईडी हैक करके यतिन्द्र खुद एजेंट बनकर कस्टमर के पास जाता था और हैक आईडी के जरिए कस्टमर को लॉगिन कर उसे मैसेज रिसीव कराके सामान रिसीव कर लेता था। इस दौरान कस्टमर के पास आर्डर कैंसिल करने पर पैसा रिटर्न हो जाता था, लेकिन वह सामान कंपनी तक नहीं पहुंच पाता था।

ओलेक्स पर बेच देते थे सामान

कंपनी को चूना लगाकर उसे प्रोडेक्ट को फर्जी तरीके ओलेक्स पर डाल कर ऑनलाइन बेच देते थे और दोनों पैसों का बंटवारा कर लेते थे। कंपनी के इंवेस्टिगेशन अफसर जय सोनी के अनुसार इस तरह के लगातार मामले आने पर इसकी जांच शुरू की गई। उन्होंने बताया कि 27 मई को मडि़यांव की एक महिला ने एप्पल का आई फोन अमेजन कंपनी से ऑनलाइन बुक कराया था। फोन की कीमत करीब 42 हजार रुपये है। फोन के साथ मिले ईयर फोन में खराब होने पर महिला ने कंपनी से आर्डर कैंसिल कर दिया। 1 जून को शिपमेंट पिकअप एजेंट को कस्टमर के घर से कैंसिल आर्डर को रिसीव करना था। ऐसे में जब वह कस्टमर के घर पहुंचा तो पता चला कि कैंसिल प्रोडेक्ट पहले ही कंपनी के एक एजेंट ने रिसीव कर लिया। मामला कंपनी के अधिकारियों तक पहुंचा और जांच शुरू हुई तो पता चला कि फोन पिकअप एजेंट सचिन की आईडी से रिसीव किया गया। इस पर जब उससे पूछताछ और उसकी डिटेल निकाली गई तो उसकी लोकेशन उस समय वहां नहीं थी।

कस्टमर की सक्रियता से मिला सुराग

कंपनी ने इंवेस्टिगेशन अफसर महिला कस्टरम के घर पहुंचे और उनके डिटेल मांगी। कस्टमर ने बताया कि जो एजेंट उनका फोन रिसीव करके ले गया था और एक्टिवा गाड़ी से आया था। कस्टमर ने हुलिया के साथ-साथ एक्टिवा का नंबर भी उन्हें उपलब्ध करा दिया, जिसके आधार पर कंपनी के लीगल अधिकारी ने मडि़यांव थाने में अज्ञात युवक और एक्टिवा गाड़ी का नंबर देते हुए एफआईआर दर्ज कराई।

साइबर क्राइम सेल की मदद से पकड़े गए

मडि़यांव पुलिस ने साइबर क्राइम सेल से मामले में मदद मांगी। साइबर क्राइम सेल ने आरटीओ से एक्टिवा के नंबर के आधार पर डिटेल निकाली। एक्टिवा नीतू लोधी के नाम पर थी और उसका फोन नंबर भी आरटीओ के रिकार्ड में दर्ज था। साइबर क्राइम सेल ने फोन नंबर के आधार पर काम शुरू किया और यतिन्द्र तक पहुंच गई। नीतू यतिन्द्र की बहन है और उसी के नाम पर गाड़ी रजिस्टर्ड है। यतिन्द्र को साइबर क्राइम सेल व मडि़यांव पुलिस ने दबोच लिया। पूछताछ में उसने कंपनी के साथ ठगी की पूरी जानकारी दी और इस खेल के मास्टर माइंड अंकित वर्मा के बारे में बताया, जिसके बाद पुलिस ने उसे भी दबोच लिया।