- हाईकोर्ट के आदेश पर महानगर थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज

- डीआईजी, उनकी पत्‍‌नी समेत चार पर केस दर्ज

- फ्लैट बेचने का एडवांस लेने के बाद पलट गए थे

द्यह्वष्द्मठ्ठश्र2@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

रुष्टयहृह्रङ्ख : महानगर कोतवाली में शुक्रवार को पुलिस वायरलेस विभाग के डीआईजी अनिल कुमार उनकी पत्‍‌नी पुष्पा अनिल, चंद्रपाल सिंह और दारोगा बृजेश कुमार सिंह के खिलाफ हाईकोर्ट के आदेश पर धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ है। डीआईजी पर आरोप है कि उन्होंने अपना फ्लैट बेचने के नाम पर पांच लाख एडवांस ले लिये, लेकिन बाद में फ्लैट देने से मुकर गए और पीडि़त को फ्लैट से बेदखल करा दिया।

यह है पूरा मामला

कल्याणपुर गुडंबा निवासी व्यवसायी रमेश कुमार गुप्ता ने आरोप लगाया है कि डीआईजी अनिल कुमार और उनकी पत्‍‌नी पुष्पा ने इंदिरा दर्शन रेजीडेंसी महानगर स्थित अपना फ्लैट 60 लाख में बेचने का वादा किया। उन्होंने इसके लिए 5 लाख एडवांस देने को कहा और शेष धनराशि किश्तों में देने की बात कही। रमेश कुमार गुप्ता ने एडवांस दे दिया। इसके बाद अनिल कुमार ने उन्हें फ्लैट का कब्जा दिया और उस पर रंगाई पुताई शुरू कराई। कुछ दिन बाद अनिल कुमार अपने वादे से पलट गए और उन्होंने बेईमानी के इरादे से रमेश को जबरदस्ती फ्लैट से बेदखल कर दिया। इस दौरान रमेश डीआईजी अनिल कुमार को 6,40,000 दे चुके थे और उनका रंगाई पुताई पर 62,000 खर्च हो चुका था।

रुपए मांगने पर छेड़छाड़ का दर्ज कराया केस

रमेश गुप्ता का आरोप है कि उन्होंने अपना पैसा वापस मांगा तो अनिल कुमार ने अपने स्टाफ के माध्यम से उन्हें धमकी दी और अपनी पत्‍‌नी से उनके खिलाफ महिला थाने में छेड़छाड़ का फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया।

एक साल से दौड़ रहा था पीडि़त

रमेश गुप्ता ने बताया कि वे पिछले एक साल से एफआईआर के लिए दौड़ रहे थे, लेकिन किसी भी स्तर पर उनकी सुनवाई नहीं हो रही थी। इस पर उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट की शरण ली और हाईकोर्ट ने डीजीपी एचसी अवस्थी को अवमानना नोटिस जारी किया, जिसके बाद मुकदमा दर्ज हुआ। महानगर इंस्पेक्टर यशवंत सिंह ने बताया कि डीआईजी, उनकी पत्‍‌नी और दो अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है।