लखनऊ (ब्यूरो)। लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारी व कर्मचारियों संग मिलकर जालसाज भाई ने ट्रस्ट की जमीन हड़प ली। इसके लिए जाली अनापत्ति प्रमाण पत्र व अन्य दस्तावेज बनाये, जिसके आधार पर संपत्ति को अपने नाम कर लिया। इस मामले में पीडि़त ने सगे भाई समेत एलडीए के अधिकारी व कर्मचारी के खिलाफ तहरीर दी, जिस पर गोमतीनगर थाने में केस दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

फर्जी तरीके से एनओसी भी लगा दी

गाजियाबाद के वसुंधरा के विनायक अपार्टमेंट में रतनदीप श्रीवास्तव परिवार सहित रहते हैं। उनकी पैतृक संपत्ति अलीगज के सेक्टर सी में है। मकान पिता ने एलडीए व ट्रस्ट द्वारा पट्टे में 1985 में हासिल किया था। रतनदीप के मुताबिक, 2014 में उनके पिता की मौत हो गई थी। संपत्ति के उत्तराधिकारियों में चार बेटे, एक बेटी व मां थीं। भाई संदीप श्रीवास्तव को छोड़कर सभी भाई व बहन बाहर रहते हैं। रतनदीप के मुताबिक, संदीप ने मौके का फायदा उठाते हुए एलडीए के अधिकारी व कर्मचारियों से सांठ-गांठ कर मकान का नामांतरण अपने नाम करा लिया।

शपथ पत्र भी बनवाया

इसके लिए सभी उत्तराधिकारियों के अनापत्ति का शपथ पत्र भी बना लिया, लेकिन किसी भाई व उत्तराधिकारी से इस संबंध में कोई बातचीत नहीं की। संदीप ने जाली दस्तावेजों के आधार पर खुद को उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। मार्च 2019 में फ्री होल्ड डीड रजिस्टर्ड करा दी। इसके बाद संदीप ने मकान बेच दिया। दिसंबर 2022 को लखनऊ पहुंचे तो इस फर्जीवाड़े के बारे में जानकारी हुई। एलडीए व निबंधन कार्यालय जाकर हकीकत पता की, तो जालसाजी का खुलासा हुआ। इंस्पेक्टर गोमतीनगर दिनेश चंद्र मिश्रा के मुताबिक, पीडि़त की तहरीर पर केस दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।

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डाक विभाग में नौकरी का झांसा देने वाला गिरफ्तार

क्राइम ब्रांच और गोमतीनगर पुलिस की संयुक्त टीम ने डाक विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने के आरोपित को पटना से गिरफ्तार किया है। आरोपी पर 10 हजार का ईनाम घोषित था। आरोपी बलिया निवासी मिथिलेश राजभर के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है।

दो साल से था फरार, 10 हजार था ईनाम

एडीसीपी पूर्वी अली अब्बास के मुताबिक, संतकबीरनगर निवासी गुलशन ने मिथिलेश और उसके साथियों अमित, विनोद और रितेश के खिलाफ दो साल पहले धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोपियों ने डाक विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर गुलशन से रुपये लिए थे और उसे जाली नियुक्ति पत्र थमा दिया था। इससे पहले गुलशन को जीपीओ में एक दिन काम भी करवाया था ताकि उसको शक न हो। बाद में संदेह होने पर पीडि़त ने गोमतीनगर थाने में शिकायत की। इसके बाद मिथिलेश भाग निकला। पुलिस ने अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। मिथिलेश पर 10 हजार का ईनाम घोषित कर उसकी तलाश की जा रही थी। आरोपी पटना में छिपकर रह रहा था।