लखनऊ (ब्यूरो)। चिनहट इलाके में वेडनेसडे अर्ली मार्निंग पुलिस की बदमाशों से मुठभेड़ हो गई। पुलिस फायरिंग में हिस्ट्रीशीटर नितिन कुंडी के पैर में गोली लगी, जबकि उसका साथी शेखर कौशल अंधेरे का फायदा उठाकर मौके से फरार हो गया। पुलिस ने कुंडी को इलाज के लिए लोहिया हॉस्पिटल में भर्ती कराया। नितिन कुंडी शातिर अपराधी है और उसके खिलाफ हत्या व लूट समेत 8 मुकदमे दर्ज हैं। 19 मई को नितिन कुंडी ने वसूली व वर्चस्व को लेकर कार सवार कपल पर कई राउंड फायरिंग की थी, जिसके बाद से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी।

बिना नंबर की कार से घूम रहा था

चिनहट पुलिस के अनुसार, देवा रोड पर नितिन के बिना नंबर की कार से घूमने की जानकारी मिली थी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने कार की घेराबंदी की। बिना नंबर की स्विफ्ट कार में दो लोग सवार थे। पुलिस ने गाड़ी को रोकने का प्रयास किया तो बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस के जवाबी फायरिंग पर नितिन कार को लेकर दयाल फार्म में घुस गया। पुलिस ने उन्हें चारों तरफ से घेर लिया और सरेंडर करने की चेतावनी दी। हालांकि, बदमाशों ने सरेंडर करने की जगह पुलिस पर फायर कर दिया। जवाबी फायरिंग में नितिन के पैर में गोली लग गई।

32 बोर की पिस्टल व कई खोखे मिले

पुलिस को मौके से बिना नंबर की स्विफ्ट कार और नितिन के पास से 32 बोर की पिस्टल व कई खोखे मिले, जिनकी फॉरेंसिक टीम से जांच भी कराई जा रही है। पुलिस के अनुसार, 19 मई को वर्चस्व की लड़ाई में हिस्ट्रीशीटर नितिन कुंडी ने कार सवार विनम्रखंड निवासी सतपाल पाठक व उनकी पत्नी पर बीबीडी की तरफ से लौटते समय रात 10 बजे हमला किया था। बदमाशों ने कार पर 8 से 10 राउंड गोलियां चलाई थीं। मटियारी पुल के ऊपर कार सवार नितिन उसके साथी शेखर, अमित चौधरी व एक अज्ञात ने सतपाल की गाड़ी के बगल में गाड़ी लगाकर फायरिंग की थी। जिससे उनकी गाड़ी के चारों शीशे चकनाचूर हो गए थे और कार में कई जगह गोलियों के निशान भी मिले थे। तब से पुलिस उसकी और उसके साथियों की तलाश कर रही थी।

7 साल पहले दर्ज हुई थी पहली एफआईआर

नितिन कुंडी पर पहली एफआईआर सात साल पहले 2017 में दर्ज हुई थी। वर्तमान में चिनहट में उसके खिलाफ हत्या व लूट के करीब 8 केस दर्ज है। 2022 में उसके खिलाफ एससीएसटी का केस दर्ज हुआ था और इसी साल उसके ऊपर हत्या के प्रयास का केस भी दर्ज हुआ था। नितिन के माता पिता की मौत हो चुकी है। वह अपने साथियों के साथ मिलकर वर्चस्व व वसूली के लिए इलाके में अपना दबदबा कायम कर रहा था। वह चिनहट थाने का हिस्ट्रीशीटर भी है।