लखनऊ (ब्यूरो)। अयोध्या, लखनऊ समेत अन्य शहरों में होटल का निर्माण कराने वालों को बड़ी राहत मिलने जा रही है। यह राहत होटल निर्माण से जुड़े नियम कानून से जुड़ी हुई है। शासन के पास जो रिपोर्ट भेजने की तैयारी हो रही है, उसमें साफ है कि अविकसित एरियाज में भी होटल निर्माण कराया जा सकेगा साथ ही एरिया साइज में भी राहत मिल सकती है। शासन की ओर से अंतिम निर्णय लिए जाने के बाद उक्त कदमों को लागू कर दिया जाएगा।

बढ़ेगी होटलों की डिमांड

अयोध्या में श्रीरामलला प्राण प्रतिष्ठा के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ तेजी से बढ़ रही है। चूंकि अभी अयोध्या में होटल की श्रंखला कम है, ऐसे में ज्यादातर श्रद्धालु लखनऊ में स्टे कर रहे हैैं। आने वाले दिनों में जब श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ेगी तो लखनऊ और अयोध्या दोनों ही जगहों पर होटलों की डिमांड भी बढ़ेगी। ऐसे में शासन का प्रयास यही है कि दोनों ही शहरों में होटलों की संख्या बढ़ाई जाए। चूंकि अभी होटल निर्माण से पहले कई नियमों की कसौटी पर खरा उतरना होता है, ऐसे में पूरी संभावना है कि इन बिंदुओं को थोड़ा राहत भरा बनाया जाए, जिससे होटल निर्माण कराने वाली कंपनियों को राहत मिल सके साथ ही होटल निर्माण कार्य में तेजी नजर आए।

बनाई गई है कमेटी

शासन की ओर से होटल निर्माण से जुड़ी गाइडलाइंस को फ्लैक्सीबल बनाने के लिए एलडीए वीसी डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी समेत सात अधिकारियों की एक टीम बनाई गई है, जो होटल निर्माण व्यवस्था को सुगम बनाने से जुड़े सुझावों पर मंथन कर अपनी रिपोर्ट तैयार कर रहे हैैं। इस रिपोर्ट को सीधे शासन के पास भेजा जाएगा। शासन से क्लीयरेंस मिलते ही उक्त सुझावों को इंप्लीमेंट करते हुए होटल निर्माण व्यवस्था को आसान बना दिया जाएगा।

अभी हैैं कई पाबंदियां

दरअसल, अभी होटल निर्माण को लेकर नियमों से जुड़ी कई पाबंदियां हैैं। इसकी वजह से कई बार होटल निर्माण से जुड़े आवेदन रिजेक्ट कर दिए जाते हैैं। इसमें मुख्य रूप से जमीन की उपलब्धता, नक्शे से जुड़ी राशि, पार्किंग व्यवस्था, अविकसित एरियाज में होटल निर्माण पर रोक इत्यादि बिंदु शामिल हैैं। अब इन्हीं बिंदुओं को आसान बनाने के लिए कमेटी सुझाव तैयार कर रही है। जो जानकारी मिली है, उससे साफ है कि नक्शा पास कराने में लगने वाले शुल्क में 30 से 40 फीसदी तक कमी की जा सकती है। इसके साथ ही जमीन की उपलब्धता को भी एक हजार मीटर से कम किया जा सकता है। अविकसित एरियाज (कंडीशन बेस्ड) में भी होटल निर्माण को ग्रीन सिग्नल मिल सकता है। शासन के पास भेजे जाने वाली सुझावों की रिपोर्ट और उस पर मंथन के बाद लिए जाने वाले अंतिम निर्णय के आधार पर होटल निर्माण गाइडलाइंस को लागू कर दिया जाएगा।

लगातार आ रहे प्रस्ताव

अयोध्या की बात करें तो अभी तक एक दर्जन से अधिक होटल निर्माण के प्रस्ताव अयोध्या विकास प्राधिकरण के पास आ चुके हैैं। गुजरते वक्त के साथ आवेदनों की संख्या में और भी अधिक बढ़ोत्तरी हो सकती है। वहीं लखनऊ के आउटर एरिया जो अयोध्या से सीधे कनेक्ट हैैं, उनमें भी कई कंपनियों ने होटल निर्माण रुचि दिखाई है। ऐसे में प्रयास यही है कि होटल निर्माण पॉलिसी को थोड़ा सरल बनाकर नए-नए होटल पब्लिक के लिए तैयार कराए जाएं।