लखनऊ (ब्यूरो)। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में शासन की ओर से बच्चियों के लिए खानपान, दवाओं आदि के लिए बजट जारी किया जाता है। पहले उसकी जानकारी प्रेरणा एप पर अपलोड की जाती है लेकिन इस मामले में एप पर पूरी जानकारी अपलोड नहीं की गई और मैनुअली दिखाकर ही करोड़ों रुपए निकाल लिए गए। मामला प्रदेश स्तर के अधिकारियों तक पहुंचा तो इसकी जांच शुरू कराई गई लेकिन आज तक दोषी अधिकारियों पर एक्शन नहीं हो सका।

एप काम न करने का बहाना

प्रदेश में 18 जनपद ऐसे हैं जहां बिना प्रेरणा एप पर जानकारी अपलोड किए ही पैसा निकाल लिया गया, जिसे विभाग ने गबन माना था। इस संबंध में जब अलग-अलग बीएसए से जवाब मांगा गया तो उन्होंने जवाब में कहा कि प्रेरणा एप काम नहीं कर रहा था। बता दें कि कस्तूरबा गांधी विद्यालय में आए धन की पूरी मॉनीटरिंग डीसी डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर करते हैं। सूत्रों के अनुसार ऐसे में वह भी दोषी हो सकते हैं। यह पूरा मामला करीब 9 करोड़ रुपए का बताया जा रहा है।

18 जिलों में हुआ घोटाला

यह पूरा खेल प्रदेश के 18 जिलों में किया गया। जिसमें वाराणसी, बरेली, बिजनौर, देवरिया, फतेहपुर, गाजियाबाद, गोंडा, कासगंज, मऊ, मेरठ, मुरादाबाद, प्रतापगढ़, रायबरेली, संतकबीरनगर, श्रावस्ती, सोनभद्र, सुल्तानपुर और उन्नाव शामिल हैं।

यह है पूरा प्रकरण

13 फरवरी 2021 को राज्य परियोजना निदेशक ने कहा था कि सरकार के प्रेरणा पोर्टल पर कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों की छात्राओं की प्रतिदिन की उपस्थिति के आधार पर ही भोजन सहित अन्य मद के लिए पैसे का भुगतान किया जाएगा। इसके बावजूद 11 फरवरी से 31 मार्च 2021 तक प्रेरणा पोर्टल पर 18 जिलों के कस्तूरबा विद्यालय की छात्राओं की उपस्थिति को लेकर अनियमितता बरती गई।

अभी इस मामले की जांच चल रही है। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उस पर सख्त एक्शन लिया जाएगा।

अनामिका सिंह, शिक्षा महानिदेशक