लखनऊ (ब्यूरो)। अगर आप टेेलीग्राम प्लेटफॉर्म यूज करते हैं तो जरा अलर्ट हो जाइये, क्योंकि साइबर ठगों ने इसके जरिए लोगों को अपना शिकार बनाना शुरू कर दिया है। दुबई से ऑपरेट हो रहे जालसाजी के इस खेल में पैसा डबल करने का झांसा दिया जा रहा है। जिसके लालच में आकर यूजर्स लाखों रुपये गवां रहे हैं। साइबर सेल के आंकड़े इसकी गवाही भी दे रहे हैं। बीते पांच महीनों में ही 200 से अधिक यूजर्स को शिकार बनाया जा चुका है, जिसकी शिकायत लगातार साइबर सेल के पास पहुंच रही है, जिसने साइबर पुलिस का सिरदर्द बढ़ा दिया है। दुबई जालसाजों का गढ़ बन गया है, जिसके चलते पुलिस के लिए उनको पकडऩा एक बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। पेश है अमित गुप्ता की रिपोर्ट

कई बड़े शहरों से जुड़े तार

साइबर सेल के अधिकारियों ने बताया कि रोजाना औसतन 30 से 40 शिकायतें दर्ज कराई जा रही हैं, जिनमें सबसे ज्यादा शिकायतें टेलीग्राम यूजर्स की होती हैं। लगातार शिकायतें आने पर पुलिस अलर्ट हो गई है। जांच में पता चला है कि दुबई से गु्रप को ऑपरेट किया जा रहा है, जबकि बैंक अकाउंट देश के अलग-अलग शहरों में खुलवाए गए हैं। मुंबई, बिहार, कोलकाता, झारखंड समेत अन्य शहरों में इनके अकाउंट होल्डर हैं, लेकिन बैंक अकाउंट से ठगी के पैसे निकलवाने का खेल राजस्थान, मध्य प्रदेश समेत अन्य कई राज्यों से चल रहा है। इसकी वजह से यह गिरोह साइबर पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ है। देश-विदेश से तार लिंक होने पर ठग भी पुलिस को गोल-मोल घुमा रहे हैं।

ऐसे चलता है ठगी का खेल

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि ऐसे गु्रप इस साल जनवरी से कुछ ज्यादा ही एक्टिव हो गए हैं। इनमें करीब 40-50 मेंबर होते हैं, जो अलग-अलग सोशल साइट्स पर मोटिवेशनल विडियो दिखाकर लोगों को अपने गु्रप पर एड कर देते हैं। इसमें जालसाज तीन से चार महीने में पैसा डबल करने का लालच देते हैं। इसके लिए बकायदा गु्रप में क्यूआर कोड शेयर किया जाता है, जिसके माध्यम से लोग अपनी रकम इनके बैंक खातों में ट्रांसफर कर देते हैं। यूजर्स को अपने विश्वास में लेकर ठग उनके खाते में कुछ ही दिनों में 20 से 30 परसेंट तक प्राफिट देते हैं, लेकिन जब कोई लालच में आकर इसमें बड़ी रकम ट्रांसफर करता है, तो गु्रप को डिलीट कर दिया जाता है।

इसलिए पकड़ में नहीं आते

साइबर सेल के अधिकारियों ने बताया कि टेलीग्राम के कुछ फीचर्स ऐसे हैं जिसमें व्यक्ति की प्रोफाइल शो नहीं होती है, सिर्फ उसका यूजर नेम ही शो होता है। न तो मोबाइल नंबर शो होता है ना ही अन्य कोई जानकारी, जबकि इस प्रकार की अन्य एप में ऐसा नहीं है। जिसकी वजह से इन्हें पकडऩे में दिक्कत होती है। हालांकि, इसके लिए भी अब ब्लूपिं्रट तैयार किया जा रहा है।

केस-1

बालागंज के रहने वाले एक शख्स ने बताया कि एक दिन अंजान नंबर से किसी ने मैसेज भेजा और एक टेलीग्राम गु्रप पर जुडऩे को कहा। जब मैं गु्रप में जुड़ा तो पैसा डबल करने का लालच दिया गया। 10 हजार जमा किया तो कुछ ही दिन में 15 मिल गए, फिर जब तीन लाख रुपये दिए तो गु्रप ही गायब हो गया।

केस-2

बुद्धेश्वर इलाके में रहने वाले एक शख्स ने एक दिन एक सोशल साइट पर मोटिवेशनल विडियो देख रहा था, कमेंट किया तो कॉल आ गई। इसके बाद गु्रप लिंक भेजकर जुडऩे को कहा गया। इसमें पैसे भी जमा कराया, कई बार पैसे बढ़ाकर दिए भी गए, लेकिन 25 अप्रैल को जब बड़ा अमाउंट दिया तो ग्रुप ही गायब हो गया।

ऐसे करें बचाव

-एक्स्ट्रा इनकम के नाम पर किसी के झांसे में न आएं

-किसी भी इंवेस्टमेंट के लिए कई लोगों से डिस्कस करें

-किसी अनजान लिंक पर क्लिक न करें

-ग्रुप में आने वाले एड पर आंख बंद कर भरोसा न करें

-किसी सोशल साइट पर बिना जाने किसी गु्रप में न जुड़ें

साइबर फ्रॉड फैक्ट फाइल

1500 शिकायतें सभी केसों की

200 से ज्यादा शिकायतें टेलीग्राम से जुड़ी

10 से ज्यादा शहरों से जुड़े जालसाजी के तार

इस तरह के मामलों पर लगाम लगाने के लिए टीम लगातार काम रही है। जल्द ही सक्रिय गिरोह को दबोच लिया जाएगा।

-सतीश साहू, इंस्पेक्टर साइबर सेल

किसी के झांसे में न आएं

ऐसे ग्रुप में छोटी रकम को कुछ दिनों में डबल कर दिया जाता है। इसके बाद उनसे बड़ी रकम डलवाई जाती है। अगर आपने एक लाख दिए तो पैसा ब्लॉक हो जाएगा, उसे निकालने के लिए और पैसे डलवाए जाएंगे। जिसकी वजह से लोग जालसाजी में फंसते चले जाते हैं। लोगों को सोचना होगा कि बैंक आठ परसेंट हमें ब्याज देता है तो कोई कैसे कुछ ही दिनों में पैसा डबल कर सकता है। ऐसे में लोगों को अलर्ट रहने की जरूरत है। किसी के झांसे में न आएं। ऐसा कोई तरीका नहीं होता, जिससे कुछ ही दिनों में पैसा डबल हो जाए। -राहुल मिश्रा, साइबर सलाहकार, यूपी पुलिस