- घरों में महिलाओं ने गाए देवी गीत

- आजा होगी मां कुष्मांडा की पूजा

LUCKNOW: नवरात्रि के तीसरे दिन गुरुवार को दुर्गा मंदिरों में मां के तीसरे स्वरूप चंद्रघंटा की पूजा हुई। कोरोना संक्रमण के बावजूद भक्तों में उत्साह में कोई कमी नजर नहीं आ रही है। भक्त सीमित संख्या में मंदिरों में पहुंचकर लाइन में लगकर हाथों में पूजा की थाली लिए मां के जयकारे लगाते हुए दर्शनों के लिए पहुंचे। इस दौरान हर किसी ने कोरोना के जल्द खत्म होने की मां से प्रार्थना की।

भक्तों ने किया दर्शन

चौक स्थित छोटी और बड़ी कालीजी मंदिर में मास्क लगाए श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंचे हुए थे। मंदिरों में पुजारियों द्वारा आरती के बाद पट दर्शनों के लिए खोल दिये गए। इस दौरान जय माता दी के जयघोष गूंज उठे। रानी कटरा के संकटा देवी मंदिर में घंटा बजाने पर प्रतिबंध के बीच भक्त मां के दर्शनों के लिए पहुंचे। वहीं चौपटिया स्थित संदोहन देवी मंदिर में मां का भव्य श्रृंगार किया गया। भक्तों को बाहर से ही मां के दर्शन कराये जा रहे हैं।

चुनरी, फूलों से हुआ श्रृंगार

ठाकुरगंज स्थित मां पूर्वी देवी मंदिर में मां का चंद्रघंटा स्वरूप में श्रंगार किया गया। प्रमोद शुक्ला ने बताया कि कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए भक्तों को दूर से ही दर्शन कराये जा रहे हैं। वहीं शास्त्रीनगर स्थित दुर्गा मंदिर में दीपदान किया गया। इस दौरान भक्तों द्वारा उचित दूरी और मास्क आदि का पूरा ध्यान रखा गया।

मां कुष्मांडा की ऐसे करें पूजा

मां कुष्मांडा की पूजा विशेष रूप से रात्रि के प्रथम प्रहर में करें। मां के चित्र के सामने नीचे उनका आसन लाल रंग का वस्त्र रखकर उसपर कुम्हड़ा (कुष्मांड) लाल वस्त्र में लपेटकर रखें। इसके बाद मां का ध्यान करते हुए उनका षोडशोपचार पूजन करके आरती करें और प्रसाद के रूप में कुम्हड़े को रखें। नवमी तिथि में उस कुम्हड़े का प्रसाद बनाकर पूरे परिवार के साथ ग्रहण करना चाहिए। मां कुष्मांडा की उपासना आधि व्याधि को नष्ट करने वाली है। मां कुष्मांडा के पूजन से हमारे शरीर का अनाहत चक्रजागृत होता है। इनकी उपासना से हमारे समस्त रोग और शोक दूर हो जाते हैं। साथ ही भक्तों को आयु, यश, बल और आरोग्य के साथ साथ सभी भौतिक और आध्यात्मिक सुख भी प्राप्त होते हैं। मां का ध्यान करते समय देवी सर्वभूतेषु मां कुष्माण्डा रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: का जाप करना विशेष फलदायी होता है।