- रेजिडेंट डॉक्टर्स ने बनाई अपनी ऐसोसिएशन, आज करेंगे वीसी से मुलाकात

- इलाज की बेहतर सुविधाएं की मांग के अलावा डॉक्टर्स की सुरक्षा की रखेंगे मांग

- मांग साफ पीने का पानी और सभी तरह की दवाइयां होने पर भी फोकस

LUCKNOW: केजीएमयू के सभी रेजिडेंट डॉक्टर्स अपनी मांगों, सुरक्षा और मरीजों के इलाज के लिए बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के लिए आने वाले दिनों में एक मुहिम शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं। अपनी मांगों को पूरा करने और हॉस्टल समेत बेहतर सुविधा मुहैया कराने के लिए रेजिडेंट डॉक्टर्स ने एक वेलफेयर सोसाइटी बना ली है। रेजिडेंट डॉक्टर्स जल्द ही अपनी ऐसोसिएशन का रजिस्ट्रर्ड कराने की तैयारी शुरू कर चुके हैं। दिल्ली के रेजिडेंट डॉक्टर्स की ओर से अपनी सुरक्षा और बेहतर सुविधा के लिए शुरू किए गए हड़ताल से प्रेरित होकर केजीएमयू के रेजिडेंट डॉक्टर्स ने भी केजीएमयू में इसी तरह की व्यवस्था लागू कराने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए केजीएमयू के रेजिडेंट डॉक्टर्स पूरा मसौदा तैयार कर रहे हैं, जिस पर वह जल्दी ही अमल करें।

डॉक्टर्स की सुरक्षा अहम मुद्दा

अपने लिए वेलफेयर सोसाइटी बनाने की तैयारी कर रहे रेजिडेंट डॉक्टर्स का कहना है कि केजीएमयू में डॉक्टर्स को भी दिल्ली के रेजिडेंट डॉक्टर्स की तरह ही सुरक्षा का अभाव का सामना करना पड़ता है। रेजिडेंट डॉक्टर्स ने बताया कि केजीएमयू में इलाज के लिए आने वाले मरीजों के लिए बेहतर सुविधा नहीं है। यहां तक की इमरजेंसी में आने वाले मरीजों के इलाज के लिए बाहर से मेडीसिन और जरूरी समान लाने के लिए कहा जाता है। ऐसे में कई बार मरीज के साथ आए परिजन इन चीजों को लाने में देरी कर देते हैं। जिसे कभी भी मरीज की मौत हो जाती है। ऐसे में उस स्थिति में परिजनों की नाराजगी का सामना रेजिडेंट डॉक्टर्स को करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में उनके सुरक्षा का कोई भी इंतजाम केजीएमयू प्रशासन के पास नहीं है।

सुविधाओं की भारी कमी

रेजिडेंट डॉक्टर्स का कहना है कि केजीएमयू में मिल रही सुविधाएं काफी नहीं है। रेजिडेंट डॉक्टर्स को कभी-कभी 30 से 35 घंटों तक लगातार मरीजों का इलाज करना पड़ता है। इसके साथ ही साथ उन्हें पढ़ाई भी करनी होती है। लेकिन केजीएमयू के हॉस्टल में मिल रही सुविधा नाकाफी है। रेजिडेंट डॉक्टर्स का कहना है कि यूनिवर्सिटी में डॉक्टर्स के लिए ठीक तरह का हॉस्टल फैसिलिटी तक नहीं मौजूद है। उन्हें बाथरूम से भी छोटे कमरे में रहना पड़ता है। अगर वह गर्मी में अपने कमरें में कूलर या एसी लगाते है तो उनसे अलग से छह हजार रुपए की मांग की जाती है। इसके अलावा यूनिवर्सिटी में रेजिडेंट डॉक्टर्स के काम करने का वर्किंग ऑवर अभी तक तय नहीं है। उन्हें लगातार कई कई घंटों तक काम करना पड़ता हैं।

मरीजों के लिए नहीं है कोई सुविधा

इसके अलावा रेजिडेंट डॉक्टर्स का कहना है कि हमारे सुविधाओं की बात तो दूर, यूनिवर्सिटी में एडमिट मरीजों के लिए जो सुविधा मुहैया कराई गई है, वह भी काफी नही है। खासतौर पर पूरे कैम्पस में मरीजों को जो पानी पीने के लिए सप्लाई होता है, उनकी टंकियां काफी समय से साफ नहीं है। साथ ही यही पानी हम डॉक्टर्स को भी पीना पड़ता है। रेजिडेंट डॉक्टर्स का कहना है कि यहां पर इलाज की बेहतर सुविधाएं मौजूद हों, मसलन सभी चिकित्सकीय उपकरण हर वार्ड व डिपार्टमेंट में होना चाहिए। ताकि इलाज के लिए आने वाले लोगों को बाहर से कुछ भी लेकर आना न पड़े। इसके साथ ही पीने का पानी और सभी तरह की दवाइयां हर समय उपलब्ध होनी चाहिए।

विरोध करने का पूरा खाका किया तैयार

केजीएमयू के रेजिडेंट डॉक्टर्स ने अपनी मांगों को पूरा करने के लिए अपनी प्लानिंग तैयार कर रहे हैं। इसके पहले चरण में डॉक्टर्स शांतीपूर्ण विरोध प्रदर्शन करेंगे। जिसमें सभी रेजिडेंट डॉक्टर्स एक हजार यूनिट ब्लड डोनेट करेंगे। अगर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने हमारी मांगों पर विचार नहीं किया तो सभी रेजिडेंट डॉक्टर्स दिल्ली के डॉक्टर्स के तर्ज पर यहां भी हड़ताल करने को मजबूर होंगे। पहले चरण के विरोध प्रदर्शन के बाद रेजिडेंट डॉक्टर्स यूनिवर्सिटी प्रशासन को दो से तीन दिन का समय देंगे। उसके बाद आगे की कार्रवाई शुरू करेंगे।

वीसी से मिलकर सौंपेंगे ज्ञापन

रेजिडेंट डॉक्टर्स ने बताया कि इस पूरे मामले पर रेजिडेंट डॉक्टर्स का एक ग्रुप शनिवार को केजीएमयू वीसी से मुलाकात कर उनकों अपनी मांगों से अवगत कराएगा। डॉक्टर्स का कहना है कि वह अपनी मांगे पूरी करने के लिए केजीएमयू प्रशासन को एक वीक का समय देंगे। अगर इसके बाद भी यूनिवर्सिटी प्रशासन उनकी मांगों को पूरी नहीं करता है तो वह हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगे।