लखनऊ (ब्यूरो)। बस कुछ दिन का इंतजार, फिर आप शहीद पथ से सीधे किसान पथ पहुंच जाएंगे। दरअसल, एलडीए की ओर से तैयार की गई इस योजना को अब मूर्त रूप देने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही गोमती तट के बायें और दायें साइड बंधे का भी निर्माण कराया जाना है और फोर लेन रोड भी बननी है। खास बात यह है कि छह किमी के दायरे में काम भी शुरू करा दिया गया है। जिससे साफ है कि जल्द ही शहरवासियों को बड़ी सौगात मिलने जा रही है। पढ़ें अभिषेक मिश्रा की रिपोर्ट

एलडीए ने बनाई है योजना

एलडीए की ओर से ग्रीन कॉरीडोर प्रोजेक्ट तैयार किया गया है और अब इसे चरणबद्ध तरीके से इंप्लीमेंट भी किया जा रहा है। इसी योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है शहीद पथ को किसान पथ से सीधा कनेक्ट किया जाना, ताकि पब्लिक का समय बच सके साथ ही शहीद पथ पर व्हीकल लोड कम किया जा सके। वहीं, इसी योजना के अंतर्गत ही गोमती के दोनों तटों पर बंधे का निर्माण किया जाना है साथ ही फोर लेन रोड भी बनाई जानी है और इसका भी ब्लू प्रिंट तैयार किया जा चुका है।

दोनों तरफ कॉमर्शियल प्रोजेक्ट्स

खास बात यह है कि एक तरफ जहां एलडीए की ओर से शहीद पथ को किसान पथ से कनेक्ट करने की तैयारी की जा रही है। वहीं जो बंधे का निर्माण होगा, उसके आसपास कॉमर्शियल प्रोजेक्ट्स भी लांच किए जाएंगे। जिसका फायदा पब्लिक को मिलेगा। इसके लिए जमीन चिन्हिकरण का काम शुरू कर दिया गया है। वहीं, बंधे के दोनों साइड ब्यूटीफिकेशन के कार्य भी कराए जाएंगे।

पांच फ्लाईओवर भी इसी साल

ग्रीन कॉरीडोर प्रोजेक्ट के दूसरे फेज में हनुमान सेतु से लेकर कुकरैल बाईपास तक अलग-अलग प्वाइंट्स पर पांच फ्लाईओवर का भी निर्माण कराया जाना है। जिससे हनुमान सेतु से व्यक्ति सीधे कुकरैल बाईपास तक पहुंच सके। जिन प्वाइंट्स पर फ्लाईओवर बनने हैैं, उनमें हनुमान सेतु, निशातगंज, डालीगंज, पक्का पुल, गोमती बैराज इत्यादि शामिल हैैं। ये सभी फ्लाईओवर्स ग्रीन कॉरीडोर का ही हिस्सा हैैं। इनके बनने के बाद निश्चित रूप से ट्रैफिक मूवमेंट पर भी असर पड़ेगा। वहीं इस कॉरीडोर का यह भी फायदा होगा कि गोमती के किनारे परियोजनाओं के डेवलपमेंट संबंधी कदम उठाए जा सकेंगे।

इस साल के अंत तक काम शुरू

एलडीए प्रशासन की माने तो इस साल के अंत तक कम से कम दो से तीन फ्लाईओवर्स पर काम शुरू करा दिया जाएगा। इसके लिए बजट पर मंथन किया जा रहा है। यह पहले ही तैयार कर लिया गया है कि किस फ्लाईओवर पर कितना खर्च आएगा, उसके आधार पर बजट की व्यवस्था की जाएगी। इस बाबत शासन को भी अवगत करा दिया गया है।

पहले फेज पर भी काम

एलडीए की ओर से ग्रीन कॉरीडोर के पहले फेज पर तेजी से काम कराया जा रहा है। पहला फेज आईआईएम से पक्का पुल तक का है। 6.8 किमी लंबे इस कॉरीडोर में करीब 150 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैैं। खास बात यह है कि ग्रीन कॉरीडोर के पहले फेज में यह भी देखा गया है कि ट्रैफिक लोड कितना कम होगा और पॉल्यूशन पर क्या असर पड़ेगा। वहीं, ग्रीन कॉरीडोर के दूसरे चरण के लिए पक्का पुल से पिपराघाट तक का एरिया चुना गया है और इसकी दूरी करीब नौ किमी के आसपास है। ग्रीन कॉरीडोर का तीसरा फेज पिपराघाट से शहीद पथ तक का होगा। इसके बाद अंतिम चरण में शहीद पथ से किसान पथ तक का हिस्सा लिया जाना है और इसको लेकर भी डीपीआर तैयार हो चुका है। कुल मिलाकर ग्रीन कॉरीडोर प्रोजेक्ट को चार चरणों में पूरा किया जाना है।

हमारी ओर से ग्रीन कॉरीडोर पर तेजी से काम किया जा रहा है। सभी फेज से रिलेटेड डीपीआर लगभग बन चुके हैैं। कॉरीडोर प्रोजेक्ट के पूरा होने से जनता को इसका सीधा लाभ मिलेगा साथ ही ट्रैफिक मूवमेंट भी स्मूथ होगा।

-डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, वीसी, एलडीए