लखनऊ (ब्यूरो)। सेना द्वारा अग्निपथ योजना की घोषणा किए जाने के बाद छात्रों से लेकर सेना भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। गुरुवार को लखनऊ यूनिवर्सिटी के सैकड़ों छात्रों ने अग्निपथ योजना का विरोध करते हुए पूर्व सेना भर्ती बहाली की मांग की। छात्रों ने इस दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को ज्ञापन सौंपने का भी प्रयास किया। यूनिवर्सिटी के गेट पर छात्रों ने हाथों में पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया तो प्रॉक्टर के आदेश पर यूनिवर्सिटी के गेट बंद कर दिए गये। छात्रों का कहना है कि सिर्फ चार साल तक सेना में नौकरी देने के बाद 75 फीसद युवाओं को बाहर कर दिया जाएगा, जिससे सेना में जाने का उनका सपना अधूरा रह जाएगा। छात्रों ने कहा कि सेना ने भर्ती के लिए अग्निपथ योजना की घोषणा की है, इसमें युवाओं को अग्निवीर के नाम से चार वर्ष के लिए भर्ती किया जाएगा। उसके बाद सिर्फ 25 फीसद अग्निवीरों को ही नियमित तौर पर सेना में लिया जाएगा। यह युवाओं के साथ अन्याय होगा।

दो छात्रों को लिया हिरासत में

विरोध के लिए पहुंचे छात्रों का नेतृत्व कर रहे दो छात्रों को पुलिस ने हिरासत में लेकर काफी देर बाद छोड़ा। पुलिस की ओर से हिरासत में लिए गये छात्रों के समर्थन में भी कई छात्रों ने नारेबाजी की और पुलिस पर तानाशाही का आरोप लगाया। छात्रों का कहना है कि जो शेष युवा नौकरी से कार्यमुक्त होंगे, उनके सामने करियर की समस्या खड़ी हो जाएगी। युवाओं के भविष्य और जीवन के साथ मजाक नहीं किया जाना चाहिए। छात्रों ने इस योजनाओं को वापस लेने और पूर्व सेना भर्ती को बहाल करने की मांग की है।

फेल छात्रों ने भी किया प्रदर्शन

यूनिवर्सिटी में फेल हुए छात्रों ने भी प्रदर्शन किया। बीएससी पांचवे सेमेस्टर के फेल छात्रों के आने की सूचना पर सुबह से ही प्राक्टोरियल बोर्ड अलर्ट था। परिसर में काफी सख्ती बरती गई। गेट नंबर एक और चार को पूरी तरह से बंद कर दिया गया था। गेट नंबर दो पर भी सिर्फ एडमिट कार्ड देखकर परीक्षा देने वाले छात्र-छात्राओं को ही प्रवेश दिया गया।

यूनिवर्सिटी में अनुशासन बनाये रखना जरूरी है, छात्र प्रदर्शन कर रहे थे। ऐसे में, जो परीक्षा देने वाले छात्र हैं, उनको ही अंदर आने की अनुमति दी गई।

-प्रो। राकेश द्विवेदी, चीफ प्राक्टर, एलयू