लखनऊ (ब्यूरो)। लखनऊ यूनिवर्सिटी ने स्कोपस इंडेक्स्ड पत्रिकाओं में रिसर्च प्रकाशनों को बढ़ावा देने और शैक्षणिक उत्कृष्टता को मान्यता देने के लिए क्वार्टाइल-एक्सेल योजना शुरू की है। डीन एकेडमिक्स प्रोफेसर पूनम टंडन की ओर से पेश किए गए प्रस्ताव को कार्यकारी परिषद ने मंजूरी दे दी है। यह प्रस्ताव क्वार्टाइल एक्सेल योजना है, इसके तहत विवि के टीचर्स को रिसर्च की क्वालिटी मेनटेन करते हुए स्कोपस इंडेक्स्ड पत्रिकाओं में उनके रिसर्च को पब्लिश करने के लिए प्रेरित करेगी।

रिसर्च का लक्ष्य होगा पूरा

प्रो। पूनम टंडन के मुताबिक, यह योजना बहुत प्रभावी साबित होने वाली है। इसके तहत स्कोपस इंडेक्स्ड पत्रिकाओं में प्रकाशन के लिए संकाय को प्रोत्साहित करके, एलयू का रिसर्च में जो लक्ष्य है, उसे पूरा किया जा सकता है। क्वार्टाइल एक्सेल योजना में टीचर्स के लिए कई तरह के प्रोत्साहन और मान्यता का भी प्रावधान किया गया है। उनका कहना है कि इस तरह की योजना से टीचर्स मोटिवेट भी होंगे और अपने काम को और बेहतरीन तरीके से करेंगे।

प्लैटिनम क्वार्टाइल में मिलेगा 8 हजार का प्रोत्साहन

योजना के तहत संकाय सदस्यों को स्कोपस इंडेक्स्ड पत्रिकाओं की क्वार्टाइल रैंकिंग के आधार पर विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा। मसलन प्लैटिनम क्वार्टाइल प्रोत्साहन (क्यू1) के लिए 8 हजार रुपये, गोल्ड क्वार्टाइल प्रोत्साहन (क्यू2) में 6 हजार रुपये, सिल्वर क्वार्टाइल प्रोत्साहन (क्यू3)में 4 हजार रुपये और कांस्य क्वार्टाइल प्रोत्साहन (क्यू4) में 2 हजार रुपये का होगा।

मिलेगा प्रकाशन उत्कृष्टता पुरस्कार

क्वार्टाइल-एक्सेल शीर्ष 50 स्कोपस पत्रिकाओं में प्रकाशित होने वाले टीचर्स को प्रकाशन उत्कृष्टता पुरस्कार देगा। यह पुरस्कार लखनऊ यूनिवर्सिटी के टीचर्स को अहम रिसर्च के लिए दिया जाएगा। पुरस्कार राशि दस हजार रुपये होगी। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग निधि के जरिए प्रति प्रकाशन अनुदान तीन हजार रुपये होगा, इसके तहत अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान को बढ़ावा दिया जाएगा।

प्रोत्साहन राशि पर एक नजर

- प्लैटिनम क्वार्टाइल प्रोत्साहन (क्यू1) के लिए 8 हजार रुपये

- गोल्ड क्वार्टाइल प्रोत्साहन (क्यू2) के लिए 6 हजार रुपये

- सिल्वर क्वार्टाइल प्रोत्साहन (क्यू3)के लिए 4 हजार रुपये

- ब्रांज क्वार्टाइल प्रोत्साहन (क्यू4) के लिए 2 हजार रुपये

इस दूरदर्शी योजना के जरिए एलयू एक ऐसा वातावरण बनाने की कोशिश कर रहा है, जो अत्याधुनिक अनुसंधान को प्रेरित करता है। साथ ही, ज्ञान सृजन को बढ़ावा देता है और समाज और शिक्षा जगत की उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

-प्रो। आलोक कुमार राय, वीसी, एलयू