लखनऊ (ब्यूरो)। हाल ही में बदायूं में हुए स्कूली वैन हादसे में चार बच्चों समेत पांच की मौत हो गई थी। आए दिन स्कूली वाहनों के हादसों का शिकार होने के मामले सामने आ रहे हैं। बावजूद इसके परिवहन विभाग और पुलिस चुप्पी साधे बैठी हुई है, जिसका खामियाजा स्कूली बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। सोमवार को बीकेटी थानाक्षेत्र अंतर्गत भीखापुरवा गांव के पास एसएस पब्लिक स्कूल की बस अनियंत्रित होकर पलट गई। चीख-पुकार मचने पर स्थानीय लोगों ने बस में फंसे बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला। जिसके बाद सभी को नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया। इस हादसे में करीब 10 बच्चे घायल हो गए, जबकि 2 बच्चों को गंभीर चोटें आई हैं।

ओवरस्पीड से अनियंत्रित होकर पलटी बस

हादसा सोमवार सुबह करीब 7 बजे का है। मामपुर बाना के एसएस इंटरनेशनल स्कूल की बस भीखापुरवा गांव के तीखे मोड़ पर अनियंत्रित होकर पलट गई। बस में 15 से 18 बच्चे सवार थे। इस हादसे में बस में सवार शिवानी (9) रुद्र प्रताप सिंह (9), दीपिका यादव (4), नितिका यादव (9) स्नेहा (8) अवर्तिका सिंह (12) अर्पिता सिंह (12) शिवा (9) जख्मी हो गए। जिसके बाद सभी को सोसैया अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां दो बच्चों की हालत गंभीर बताई जा रही है। वहीं, प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बस की स्पीड काफी तेज थी। जिस वजह से मोड़ पर बस अनियंत्रित होकर खेत में पलट गई। इससे कई बच्चे घायल हो गए।

चीख पुकार सुन बच्चों को निकाला

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बस पलटने से बच्चे अंदर ही फंस गए थे। गांववालों ने सभी को बाहर निकाला। इस दौरान बच्चे डरे सहमे थे। चीख पुकार मच रही थी, किसी के हाथ तो किसी के सिर पर चोट आई थी। गनीमत रही कि इस हादसे में बच्चों को चोटें आई हैं। बड़ा हादसा टल गया।

परिजनों का भड़का गुस्सा

घटना की जानकारी मिलते ही अस्पताल पहुंचे परिजनों ने बस चालक की लापरवाही को लेकर हंगामा मचाया। परिजनों ने बस चालक और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है। परिजनों का कहना है कि बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी स्कूल प्रशासन की होती है। ओवरस्पीड में बस चला रहे चालक और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। पेरेंट्स स्कूल के भरोसे बच्चों को छोड़ते हैं। इस तरह की लापरवाही से स्कूल पर से उनका भरोसा घट रहा है। वहीं, बीकेटी थाने के एडिशनल प्रभारी हाशिम रजा रिजवी का कहना है कि प्राथमिक उपचार के बाद परिजन बच्चों को अपने संग घर लेकर चले गए। परिजनों की तरफ से लिखित शिकायत नहीं दी गई है। तहरीर मिलते ही विधिक कार्रवाई की जाएगी।

नहीं हो रहा नियमों का पालन

- बस और वैन में खिड़की के पास लोहे की ग्रिल या रॉड लगी होनी चाहिए।

- वाहन में प्राथमिक उपचार का बॉक्स होना जरूरी है।

- चालक के पास वाहनों का फिटनेस सर्टिफिकेट व पूरे दस्तावेज होने जरूरी हैं।

- अस्पताल और फायर ब्रिगेड का नंबर लिखा होना चाहिए।

- साइड में चालक का नाम और मोबाइल नंबर होना जरूरी है।

- स्कूल वैन और बस में जीपीएस सिस्टम या फिर कैमरा होना चाहिए।

- आगे और पीछे स्कूली वाहन लिखा होना जरूरी है।

- चालक को ड्रेस में होना चाहिए और वाहन की रफ्तार 40 से अधिक नहीं होनी चाहिए।