लखनऊ (ब्यूरो)।
केस-1
2023 मार्च में उन्नाव में कानपुर-लखनऊ हाईवे पर डिवाईडर से टकराकर स्कूली वाहन पलट गया था। जिसमें एक बच्चे की मौत और अन्य घायल हो गये थे।

केस-2
2024 फरवरी में कानपुर में स्कूली वैन और लोडर में टक्कर हो गई थी। जिसके कारण गाड़ी में सवार एक बच्चे की मौत हो गई थी। वा बाकि बच्चे और ड्राइवर गंभीर रूप से घायल हो गये थे।

केस-3
2023 अक्टूबर में यूपी के बदायूं में स्कूल वैन और बस में टक्कर होने की वजह से 4 बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई थी।

केस-4
2023 नवंबर में जालौन में एक स्कूली वाहन बिजली के खंबे से टकरा गया। जिसके चलते गाड़ी में बैठे 15 बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गये थे।

यह चंद केस यह बताने के लिए काफी हैं कि स्कूल प्रशासन और अधिकारी बच्चों की सुरक्षा को लेकर कितने गंभीर और सर्तक हैं। स्कूली वाहन चालकों द्वारा नियमों की अनदेखी की जा रही है। वहीं, कोई हादसा होने पर आरटीओ अधिकारी कुछ दिन अभियान चलाते हैं और फिर पुराने ढर्रे पर लौट जाते हंै। अधिकारी नोटिस और चालान तक ही सीमित हैं। स्कूल प्रशासन, आरटीओ, पुलिस डिपार्टमेंट सब एक दूसरे की जिम्मेदारी बताकर चुप हो जाते हैं। जिसके चलते इस तरह के हादसे हो रहे हैं।

बच्चों की सुरक्षा की चिंता नहीं
गौरतलब है कि यूपी के बाराबंकी में एक तेज रफ्तार स्कूली बस पलट गई। जिसमें छह बच्चों की मौत हो गई। वहीं, हादसे में करीब 25 बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गये। राजधानी समेत प्रदेश में आये दिन स्कूली वाहनों के साथ ऐसे दर्दनाक हादसे हो रहे हैं और मासूमों की जान जा रही है। इसके बाद भी न तो अधिकारी सुधर रहे है और न ही वाहन मालिक कोई बदलाव ला रहे है। वहीं, स्कूल प्रशासन भी ड्राईवर-कंडक्टर को हटाकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेते है।

केवल नोटिस तक सिमटी कार्यवाई
आरटीओ अधिकारी हर साल स्कूली वाहनों की चेकिंग का अभियान चलाते हैं। जिसमें चालान और गाड़ी सीज तक कर दी जाती है। लेकिन, प्रशमन शुल्क देकर गाड़ी छुड़ा ले जाते हैं। वहीं, कई वाहन स्वामी तो नोटिस का जवाब तक नहीं देते है। अधिकारी बड़ी कार्यवाही करने से बचते है। वहीं, फिटनेस के दौरान सांठगांठ के चलते स्कूली वाहन स्वामी आराम से गाड़ी का फिटनेस सर्टिफिकेट बनवा लेते हैं। जिसके चलते हादसों में अकसर गाड़ी के अनफिट होने की बात सामने आती है। खासतौर पर निजी बस स्वामी अधिकारियों के साथ मिलकर खेल करते है।

इन पैमानों पर होती है जांच
- बीमा
- लाइसेंस
- फिटनेस सर्टिफिकेट
- परमिट
- एचएसआरपी
- प्रदूषण नियंत्रण सर्टिफिकेट
- ड्राइवर-स्कूल का नाम व नंबर
- स्पीड कंट्रोल डिवाइस
- सीसीटीवी

अनफिट वाहनों के खिलाफ लगातार कार्यवाही की जा रही है। चूंकि ऐसे वाहन स्कूल मैनेजमेंट द्वारा हायर किए जाते हैं। इसलिए हादसों के बाद कार्रवाई के लिए डिस्ट्रीक्ट मैनेजमेंट और पुलिस करती है। बाकि जांच का विषय होता है कि हादसे का कारण क्या था।
- संदीप पंकज, आरटीओ-प्रवर्तन