- शहर की हवा दिल्ली से भी अधिक जहरीली, एक्यूआई स्तर 422 पर पहुंचा
- शुक्रवार के मुकाबले 40 अंकों का इजाफा, मास्क पहनकर ही निकलें घर से
LUCKNOW
नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद की तरह ही राजधानी भी गैस चेंबर बनने के करीब पहुंच गई है। सीएम योगी आदित्यनाथ के पॉल्यूशन को लेकर कड़े तेवरों के बाद जिम्मेदार महकमे एलडीए और नगर निगम शनिवार को एक्शन मोड में आए और आनन-फानन में निर्माणकार्य रुकवाने के साथ-साथ पानी का छिड़काव भी कराया। वहीं पुलिस ने भी दूसरे जिलों से आए ऑटो-टेंपो सीज किए और परिवहन विभाग के आरटीओ ने पीयूसी के खिलाफ अभियान चलाया लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की ओर से जो डाटा जारी किया गया, उससे साफ है कि राजधानी की हवा काफी जहरीली हो चुकी है। यहां एक्यूआई का स्तर 422 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर पहुंच गया है, जो शुक्रवार के मुकाबले 40 अंक अधिक है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि घर से बिना मास्क पहनकर निकलना कितना खतरनाक है।
टूट गया रिकॉर्ड
एक्यूआई की बात करें तो शनिवार को पिछले पांच से छह दिन के सारे रिकॉर्ड टूट गए। अभी तक एक्यूआई का स्तर 400 के पार कभी नहीं गया था लेकिन शनिवार को आंकड़ा 422 पहुंच गया। यह आंकड़ा नोएडा से 10 अंक कम, ग्रेटर नोएडा से 16 अंक कम और गाजियाबाद से 31 अंक कम है। इन आंकड़ों से साफ है कि अगर जल्द पॉल्यूशन की रोकथाम को लेकर और कड़े कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले दो से तीन दिन में लखनऊ पॉल्यूटेड सिटीज में नंबर 1 पोजीशन पर पहुंच सकता है।
इस तरह समझें
शहर एक्यूआई स्तर
लखनऊ 422
कानपुर 379
आगरा 231
दिल्ली 399
गाजियाबाद 453
नोएडा 432
ग्रेटर नोएडा 438
(एक्यूआई के आंकड़े माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर में)
पिछले 8 दिन की स्थिति
डेट एक्यूआई
26 अक्टूबर 155
27 अक्टूबर 186
28 अक्टूबर 305
29 अक्टूबर 314
30 अक्टूबर 326
31 अक्टूबर 352
1 नवंबर 382
2 नवंबर 422
(एक्यूआई के आंकड़े माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर में)
हर तरफ नजर आई धुंध
शुक्रवार की तरह ही शनिवार को भी शहर के कई इलाकों में धुंध नजर आई। पुराने लखनऊ का एरिया हो या फिर रिवर फ्रंट, यहां से लोगों को गुजरने में परेशानी हुई। शाम होने के बाद भी धुंध छाई रही। जिससे 60 फीसदी वाहन सवार मास्क लगाए दिखे। जबकि कई लोग मुंह पर रुमाल रखकर निकले।
जिम्मेदारों का एक्शन
1-नगर निगम
नगर निगम की आठ टीमों ने हर जोन में निर्माण कार्य रुकवाए साथ ही सड़क पर फैली निर्माण सामग्री को ढकवाया। हर जोन में सड़क किनारे या ग्रीन बेल्ट में पेड़-पौधों में छिड़काव भी कराया गया। ऐशबाग में एक दर्जन से अधिक आरा मशीनें बंद कराई गई।
2-एलडीए
एलडीए ने भी अपने आठों जोन में टीमें बनाईं। जानकीपुरम विस्तार, स्मृति अपार्टमेंट, महानगर, फैजाबाद रोड, शहीद पथ से लेकर आईजीपी, कबीरनगर देवपुर पारा, ओेमेक्स सिटी सेक्टर 7, एमआई बिल्डर कानपुर रोड, मोहान रोड, बुद्धेश्वर चौराहा के पास, अंसल प्लाजा इत्यादि में चल रहे निर्माण कार्यो को ग्रीन नेट से ढकवाने के साथ ही निर्माण सामग्री पर पानी का छिड़काव कराने के साथ ही उन्हें भी ढकवाया गया। एलडीए अधिकारियों ने मौके पर जाकर पानी छिड़काव की स्थिति का निरीक्षण्ा भी किया।
3-परिवहन
परिवहन विभाग के अधिकारियों ने प्रदूषण के खिलाफ अभियान चलाया। एआरटीओ संजीव गुप्ता ने परिवहन विभाग के बाहर उन वाहनों का चालान किया, जिनके पास प्रदूषण प्रमाण पत्र नहीं था। वाहन स्वामियों का कहना था कि यह वाहन सीएनजी से चलते हैं। प्रवर्तन दस्ते ने बताया कि सभी तरह के वाहनों के लिए प्रदूषण अंडर कंट्रोल का सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य है। यह सर्टिफिकेट ना होने पर एक हजार रुपए का जुर्माना लगाए जाने का ि1नयम है।
सभी तरह के निमाणर् कार्य बंद
पॉल्यूशन के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए शहर में हो रहे हर तरह के निर्माण कार्य बंद करा दिए गए हैं। इसमें पुल भी शामिल हैं। वहीं कोई भी भवन स्वामी भी अगले 15 दिन तक अपने भवन का विस्तार कराने के लिए निर्माण कार्य नहीं करा सकेगा।
रात में चेकिंग
नगर निगम और एलडीए की टीमों की ओर से रात में औचक चेकिंग कर निर्माण कार्यो की स्थिति देखी जाएगी। अगर कहीं भी निर्माण कार्य होता मिलता है तो निर्माणकर्ता के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा साथ ही जुर्माना भी लगाया जाएगा। वहीं सभी निर्माणकर्ताओं को पहले ही चेतावनी दी गई है कि निर्माण सामग्री के साथ-साथ निर्माण स्थल को ढककर रखें अन्यथा कार्रवाई होगी।