लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में लोकसभा चुनाव हमेशा कौतुहल का विषय रहे है। यहां कई अनोखे रिकार्ड भी बन चुके हैं। शायर व पूर्व न्यायाधीश आनंद नारायण मुल्ला ने भी निर्दलीय लड़ते हुए उस समय के कांग्रेस प्रत्याशी पद्मश्री वीआर मोहन को हराकर इतिहास रच दिया था। उसके बाद कभी कोई निर्दलीय यह इतिहास नहीं दोहरा सका।

20 हजार से अधिक वोटों के अंतर से हराया

लखनऊ में 1967 में हुए चुनाव में कांग्रेस ने उद्योगपति पद्मश्री वीआर मोहन को अपना उम्मीदवार घोषित किया था, जो मेयर भी रह चुके थे। वहीं दूसरी ओर, आनंद नारायण मुल्ला को जब किसी अन्य पार्टी से टिकट नहीं मिला तो उन्होंने निर्दलीय ही अपना नामांकन कर दिया। उस दौरान तब की जनसंघ के स्व। लालजी टंडन ने कांग्रेस उम्मीदवार का विरोध करते हुए उनके खिलाफ माहौल बनाना शुरू कर दिया था। हालांकि, लोग बताते हैं कि उन्होंने आनंद का भी विरोध किया था लेकिन, वामपंथियों ने उनका समर्थन कर दिया था, जबकि जनसंघ से आरसी शर्मा को प्रत्याशी बनाया था। आनंद नारायण मुल्ला 92,535 वोटों के साथ विजयी हुए थे। उन्होंने वीआर मोहन को 20,972 वोटों के अंतर से हराया था, जोकि कांग्रेस के लिए बड़ा झटका था।

आनंद हुए थे विजयी

-एएन मुल्ला-92,535 वोट-36.55 प्रतिशत

-वीआर मोहन-71,563-28.27 प्रतिशत

-आरसी शर्मा-60,291-23.81 प्रतिशत