लखनऊ (ब्यूरो)। गाजियाबाद की समीक्षा शर्मा का कथक नृत्य, लखनऊ के अग्निहोत्री बंधु का भजन गायन और राजस्थान की बतुल बेगम का सूफी गायन आकर्षण का केंद्र बना। अवध महोत्सव के तीसरे दिन मुख्य अतिथि उप निदेशक संस्कृति अमित कुमार अग्निहोत्री के साथ सहायक निदेशक संस्कृति रेनू रंगभारती और उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के निदेशक डॉ शोभित कुमार नाहर ने अवध महोत्सव की सांस्कृतिक संध्या का उद्घाटन किया। आयेाजन में कथक नृत्यांगना समीक्षा शर्मा के दल ने शंकर अति प्रचंड की रचना पेश की। दूसरी रचना सूरदास के पद सुंदर बदन में अंतरमुखी नायिका पेश की गई। इस एकल नृत्य को स्वयं समीक्षा शर्मा ने बेहतरीन भावों के साथ पेश किया। अंत में पारंपरिक जयपुरी कथक का अंग विस्तार से देखने को मिला। इसमें दल के कलाकारों ने एक पैर से लट्टृ की गति की अनुकृति कथक नृत्य के माध्यम से पेश की। वहीं परनों के बाद पांच तरह के चक्करों का प्रभावी प्रदर्शन भी किया। दल के कलाकारों में मनुहार जोशी, सुष्मिता, मनप्रीत, अनुराग, मृणालिनी शामिल रहीं।

भजन गायन ने मोहा
श्वेता तिवारी के संचालन में हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम में लखनऊ के अग्निहोत्री बंधु के भजन गायन ने दर्शकों का दिल जीत लिया। उन्होंने संध्याकाल के अनुरूप छंद जय जय सुरनायक जन सुखदायक प्रनतपाल भगवंता से प्रस्तुति का मधुर आगाज किया। उसके बाद इतिहासकार डॉ योगेश प्रवीन की रचना अब तो पलक उठाओ भगवन को अपने खास अंदाज में पेश किया। इसके साथ ही उन्होंने हनुमान चालीसा के अंश भी सुनाए। वहीं, राजस्थान की बतुल बेगम का सूफी गायन आकर्षण का केंद्र बना। उन्होंने विशेष रूप से गजानन देवाश्, केसरिया बालम, बोल सुवा राम राम गीत और भजन सुनाकर चाहने वालों का दिल जीत लिया।

प्रतियोगिता में असलम रहे अव्वल
वहीं, लखनऊ यूनिवर्सिटी से नदवा तक इक्का-तांगा दौड़ का आयोजन किया गया। जिसे मुख्य अतिथि अकादमी के निदेशक डॉ शोभित कुमार नाहर ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसमें असलम बग्गी पहले, इमरान दूसरे और फैसल खान तीसरे स्थान पर विजयी रहे।

शहीदे आजम उधम सिंह की हुई पुतुल प्रस्तुति
जंग ए आजादी के नायक के जीवन पर आधारित पुतुल नाट्य प्रस्तुति शहीद ए आजम उधम सिंह और हरियाली का हाथ का प्रदर्शन किया गया। इसमें चंद्रशेखर शुक्ला, तान्या मेराज, सत्यम मिश्रा, तनय मेराज आदि ने संचालन किया। जबकि निर्देशन का दायित्व मेराज आलम ने किया।