लखनऊ (ब्यूरो)। शहीदपथ के किनारे अर्जुनगंज में डायल 112 मुख्यालय में आउटसोर्स पर तैनात महिला कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी रहा, जिससे कंट्रोल रूम का काम लगातार प्रभावित हो रहा है। जब दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने डायल 112 नंबर पर कॉल लगाई, तो करीब दो मिनट से भी ज्यादा वक्त तक कॉल रिसीव नहीं हुई, जबकि पहले रिस्पांस टाइम करीब 40 से 50 सेकेंड होता था। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मैन पावर की कमी होने से कंट्रोल रूम के काम पर बुरा असर पड़ा है। इसका खामियाजा यूपी के सभी जिलों से फोन करने वाले पीड़ितों को भुगतना पड़ रहा है।

रोजाना 1 लाख से अधिक कॉल

डायल 112 में लगभग 670 महिला कर्मचारियों की रोजाना तीन शिफ्टों मे ड्यूटी लगती थी। आंकड़ों मुताबिक, यहां पर रोजाना एक लाख से अधिक कॉल आती हैं, जो चोरी, डकैती, गोली चलना, छेड़छाड़, दुष्कर्म, मारपीट, अपहरण, विभागों का नंबर मांगना आदि जैसे कई मामलों से जुड़ी होती हैं। धरना दे रही महिला कर्मचारियों ने बताया कि कॉलर के कॉल लगाने के बाद लगभग 40 से 50 सेकेंड में हम कॉल रिसीव कर लेते हैं, लेकिन इन दिनों कॉल रिसीव करने का दो से तीन गुना तक टाइमिंग बढ़ गया है। इसकी मुख्य वजह यह है कि यहां मैन पावर की कमी हो गई है।

1076 और थानों की टेलीकॉलर दे रहीं सेवाएं

डायल 112 में फिलहाल 1076 हेल्पलाइन से महिला कर्मचारियों की तैनाती की गई है। इसके अलावा लखनऊ समेत अन्य जिलों के थानों की महिला टेलीकॉलर की तैनाती भी की गई है। तैनाती से पहले उनको ट्रेनिंग दी गई, इसके बाद ड्यूटी लगाई गई।

5 नामजद समेत 200 पर एफआईआर

प्रदर्शनकारी महिला कर्मचारियों पर कार्रवाई करते हुए सुशांत गोल्फसिटी थाना पुलिस ने हर्षिता कश्यप, पूजा सिंह, रीना शर्मा, मंजू सोनी और शशि पर नामजद तो वहीं 200 अज्ञात महिलाओं के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की है। थाना प्रभारी अतुल कुमार श्रीवास्तव के मुताबिक, इनपर बलवा भड़काने, प्रदर्शन कर मार्ग बाधित करने, आपातकालीन सेवा बाधित करने और सरकारी निर्देशों के उल्लंघन मामले में मुकदमा दर्ज किया है।

हटाए गए एडीजी

वहीं, मामले में डायल 112 धरना प्रदर्शन को लेकर शासन की तरफ से सख्त रवैया अपनाया गया है। एडीजी अशोक कुमार सिंह को बुधवार को पद से हटा गया है। उन्हें पुलिस मुख्यालय में संबद्ध किया गया है। अब उनकी जगह आईपीएस नीरा रावत को चार्ज दिया गया है।

एक नजर में जाने कब क्या-क्या हुआ

-सोमवार दोपहर 2 बजे से महिलाकर्मियों ने वेतन वद्धि को लेकर मुख्यालय के बाहर धरना दिया।

-कंपनी से नियुक्ति पत्र दिलाने सहित अन्य मांगों को लेकर दिया धरना।

-रात में न सिर्फ उन्हें पानी लेने से रोक दिया, बल्कि शौचालय पर ताला भी लगा दिया।

-मंगलवार सुबह अपनी फरियाद लेकर सीएम आवास कूच किया। रोकने पर पुलिस से उनकी तीखी झड़प हुई।

-नोकझोंक के बाद पुलिस ने सभी को सड़क पर घसीट कर बसों में लादकर ईको गार्डन भेजा।

-बुधवार को भी महिला कर्मचारियों का प्रदर्शन जारी रहा।

ये है महिला कर्मचारियों की मांग

महिला कर्मचारी नेहा, काजल और वंदना ने बताया कि सात साल में वेतन में एक रुपये की भी वृद्धि नहीं हुई है। अब टेक महिंद्रा कंपनी को बदल कर वी विन कंपनी को टेंडर दिया गया है। तीन नवंबर को वी विन कंपनी ने टेकओवर कर लिया। आरोप है कि अबतक कर्मचारियों को ऑफर लेटर तक नहीं दिया, जबकि नई भर्ती शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि वेतन में वृद्धि कर 18 हजार रुपये प्रतिमाह किया जाए। नौकरी सुरक्षित की जाए और धरने को लेकर भविष्य में टारगेट न किया जाए।

यहां की महिला कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन जरूर किया है, लेकिन उससे काम पर बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा है। कॉल लेट रिसीव होने की बात अबतक मेरे सामने नहीं आई है।

दिनेश त्रिपाठी, एसपी, डायल 112