लखनऊ (ब्यूरो)। भू-उपयोग में जमकर खेल किया जा रहा है। पहले जहां आवासीय प्लॉट्स पर कॉमर्शियल निर्माण किए जा रहे थे, वहीं अब आवासीय प्लॉट्स पर दुकानें बनाकर उसे किराये पर उठाने या बिक्री का खेल शुरू हो गया है। कई मामले सामने आने के बाद अब एलडीए की ओर से ऐसे लोगों की लिस्ट तैयार करने का काम शुरू कर दिया गया है, जो आवासीय प्लॉट्स में दुकानें बनाने का खेल कर रहे हैं।

अभी तक 100 से अधिक पर एक्शन

अभी तक एलडीए की ओर से 100 से अधिक ऐसी दुकानों पर सीलिंग संबंधी कार्यवाही की गई है, जो भू-उपयोग में परिवर्तन करके बनाई गई हैं। इसका मतलब यह है कि उक्त प्लॉट का नक्शा तो आवासीय पास कराया गया है, लेकिन मौके पर आवासीय निर्माण न कराकर कॉमर्शियल यूज के लिए दुकानें बनाई जा रही हैैं। जिसके बाद एलडीए की ओर से उक्त निर्माण कराने वालों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। इसके साथ ही नोटिस के माध्यम से यह भी कहा गया है कि अगर जवाब नहीं दिया जाता है तो सीलिंग या ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा सकती है।

एक से दो फ्लोर तक बना रहे दुकानें

कुछ मामले ऐसे भी सामने आए हैैं, जहां आवासीय जमीन पर दो से तीन फ्लोर तक दुकानों का निर्माण कराया जा रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि निर्माण कराने वालों को एलडीए की कार्रवाई का कोई डर नहीं है। एलडीए लगातार कार्यवाही कर रहा है, इसके बावजूद निर्माणकर्ताओं की ओर से नियमों को ताक पर रखकर अवैध निर्माण कराए जा रहे हैैं। जिसके बाद अब एलडीए की ओर से सभी जोन में नए सिरे से सर्वे कराने का निर्णय लिया गया है।

सर्वे करके तैयार होगी रिपोर्ट

वीसी की ओर से जो निर्णय लिया गया है, उससे साफ है कि सभी जोन में पहले तो देखा जाएगा कि कितने स्थल पर दुकानों का निर्माण कराया जा रहा है। इसके बाद नक्शे का मिलान कराया जाएगा। नक्शे के मिलान से यह स्पष्ट हो जाएगा कि कितने अवैध निर्माण हो रहे हैैं, जिसके बाद एलडीए की ओर से उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एलडीए प्रशासन का प्रयास यही है कि कहीं भी अवैध निर्माण न हों और अगर होते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।

बड़े निर्माणों पर भी फोकस

एलडीए की ओर से बड़े निर्माणों पर भी फोकस किया गया है। इसके अंतर्गत फ्लोर एरिया रेशियो पर ध्यान दिया जा रहा है। अगर कोई भी निर्माण फ्लोर एरिया रेशियो से अधिक मिलता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं दूसरी तरफ, मेट्रो रूट के आसपास मिक्स लैैंड यूज में आवेदन बढ़े हैैं। अभी तक एक दर्जन से अधिक आवेदन आ चुके हैैं, जिनके आधार पर स्थलीय सत्यापन कराया जा रहा है।

अगर कहीं भी अवैध निर्माण हो रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। भू-उपयोग में खेल करने वालों की भी लिस्ट तैयार कराई जा रही है और लिस्ट बनते ही उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।

डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, वीसी, एलडीए