लखनऊ (ब्यूरो)। उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम यात्रियों की सुविधा के लिए अपनी बसों के बेड़े को बढ़ाकर 50 हजार तक ले जाने की तैयारी कर रहा है। इसे 2025 मार्च तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें सबसे ज्यादा फोकस इलेक्ट्रिक बसों पर है। फिलहाल निगम जल्द ही करीब 10 हजार बसों को शामिल करने जा रहा है।

10 हजार बसें पहले चरण में शामिल

परिवहन राज्यमंत्री दयाशंकर सिंह लगातार यात्री सुविधाओं को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रहे हैं। निगम के बेड़े में इस समय करीब 11 हजार बसें हैं, जिनमें साधारण और इलेक्ट्रिक, दोनों तरह की बसें शामिल हैं। वहीं, जल्द ही निगम अतिरिक्त 10 हजार बसों को शामिल करने की तैयार कर रहा है। इसमें करीब 3 हजार बसें निगम खरीदेगा, जबकि 5 हजार हायर्ड बसें और करीब 2 हजार डीजल बीएस-6 बसों को बेड़े में शामिल किया जाएगा। इनमें करीब 20-30 पर्सेंट इलेक्ट्रिक बसों को शामिल किया गया है।

50 हजार करनी हैं बसें

अधिकारियों के मुताबिक, निगम के बेड़े में 2025 मार्च तक करीब 50 हजार बसों को शामिल करना है। इसमें सबसे ज्यादा फोकस इलेक्ट्रिक बसों पर है, क्योंकि सरकार का फोकस एनवायरमेंट फ्रेंडली बसों पर ज्यादा है। अधिकारियों के मुताबिक, नई बसें आने से नए रूटों पर बसों का संचालन आसान होगा। साथ ही कुंभ, माघ मेला समेत अन्य बड़े आयोजनों के दौरान अतिरिक्त बसों को तैनात किया जा सकेगा। इससे निगम की कमाई भी हो सकेगी। साथ ही रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे।

निगम के बेड़े में बसों की संख्या 50 हजार करने का लक्ष्य रखा गया है। इलेक्ट्रिक बसों पर भी फोकस किया जा रहा है। इससे यात्रियों को काफी राहत मिलेगी।

-अजीत सिंह, प्रवक्ता, परिवहन निगम

लखनऊ से अयोध्या की बसों पर रोक

अयोध्या धाम में श्री रामलला मंदिर में दर्शनार्थियों की अत्यधिक भीड़ उमड़ पड़ी है। जिससे वहां की व्यवस्था को संभालना मुश्किल हो गया है। ऐसे में डीएम अयोध्या द्वारा कोई भी यात्री अयोध्या ने भेजने का आदेश दिया गया है। जिसके बाद लखनऊ से कोई भी बस अयोध्या के लिए नहीं भेजी गई। हालांकि, गोरखपुर मार्ग वाली बसों को रामनगर-गोंडा मार्ग से चलाया गया। वहीं, परिहवन निगम के प्रवक्ता अजीत सिंह ने बताया कि तड़के कुछ बसें अयोध्या के लिए रवाना हुई थीं, पर वहां से आर्डर मिलने के बाद बसों को रोक दिया गया। पर दोपहर तीन बजे के बाद बसों के लिए अनुमति मिली। जिसके बाद कछ बसों का संचालन शुरू किया गया। वहीं, जिन यात्रियों ने ऑनलाइन टिकट बुक कराया था या टिकट बन गया था उनको पैसा रिफंड कर दिया गया है। बसों का संचालन धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है।

प्रदेश में हादसों पर लगाम लगाएंगे 'एआरटीओ-रोड सेफ्टी'

राजधानी समेत प्रदेश में जल्द ही एआरटीओ-प्रशासन, एआरटीओ-प्रवर्तन की तरह एआरटीओ-रोड सेफ्टी का भी पद होगा, जो सड़क हादसों की बढ़ती संख्या पर रोक लगाने का काम करेंगे। इसको लेकर ट्रांसपोर्ट विभाग ने प्रपोजल तैयार किया है, जिसे शासन में मंजूरी के लिए भेज दिया गया है। ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के मुताबिक, प्रपोजल को मंजूरी मिलने के बाद भर्ती होगी, जिससे मैनपावर की कमी दूर होगी। साथ ही हादसों पर लगाम लग सकेगी।

लगातार हो रहे सड़क हादसे

राज्य सड़क सुरक्षा परिषद द्वारा हर साल राजधानी समेत प्रदेश में हो रहे सड़क हादसों पर चिंता जताई जाती है। इसको लेकर, आरटीओ, ट्रैफिक विभाग और पुलिस विभाग मिलकर काम करता है। पर इसके बावजूद हादसों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। विभाग के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी-अक्टूबर 2023 के बीच करीब 36,476 लोग विभिन्न हादसों में घायल हो चुके हैं। वहीं, आरटीओ के पास मैनपावर की कमी सबसे बड़ी समस्या है। इसी को देखते हुए विभाग द्वारा एआरटीओ-रोड सेफ्टी का नया पद सृजित करने की तैयारी चल रही है, जो राजधानी समेत सभी 75 जिलों में तैनात होंगे। वे खासतौर पर हादसों के लिए जिम्मेदार कारणों को दूर करने का काम करेंगे।

शासन में भेजा प्रपोजल

ट्रांसपोर्ट कमीश्नर चंद्र भूषण सिंह ने बताया कि विभाग रोड सेफ्टी को लेकर लगातार काम कर रहा है। केंद्र के साथ राज्य सरकार भी इसको लेकर बेहद गंभीर है। इसी को देखते हुए एआरटीओ-रोड सेफ्टी का नया पद सृजित करने का प्रपोजल शासन में भेजा गया है। सड़क हादसों का बड़ा कारण आवेरस्पीड, शराब पीकर गाड़ी चलाना, गलत ओवरटेकिंग, नियमों का पालन नहीं करना आदि है। वैसे तो विभाग के सभी अधिकारियों का काम इसी का होता है। पर यह पद खासतौर पर इनफोर्समेंट का काम करेगा, ताकि इस तरह के हादसों पर लगाम लगाई जा सके। इसीलिए 75 पोस्ट का प्रपोजल शासन में भेजा गया है। उम्मीद है कि जल्द ही इसके लिए मंजूरी मिल जाएगी। इससे विभाग में मैनपावर की कमी भी दूर हो सकेगी।

एआरटीओ रोड सेफ्टी का प्रपोजल शासन में भेजा गया है। इसके लिए 75 पोस्ट सृजित होंगे। वहां से मंजूरी मिलने के बाद भर्ती होने से स्टाफ की कमी दूर हो सकेगी और हादसों पर भी लगाम लग सकेगी।

-चंद्र भूषण सिंह, कमिश्नर, ट्रांसपोर्ट