लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में महिलाओं व बच्चियों के साथ होने वाले अपराधों का निस्तारण करने के मामले में लखनऊ पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। मई महीने में आई इन्वेस्टिगेशन ट्रैकिंग सिस्टम फॉर सेक्सुअल ऑफेंसेस (आईटीएसएसओ) की रिपोर्ट मेंयूपी के सभी सात कमिश्नरेेट में नोएडा के बाद लखनऊ कमिश्नरेट को दूसरा स्थान मिला है। राजधानी के थानों में मार्च के बाद से बच्चियों से छेड़छाड़ और दुष्कर्म के 71 मामलों में मुकदमा दर्ज किया गया है। इनमें से 67 ऐसे केस हैं, जिनकी मॉनीटरिंग कर केसों को सुलझाया है। जबकि तीन केसों में आपसी समझौता और एक की काउंसलिंग चल रही है।

महिलाओं के अपराधों में निगरानी

महिलाओं और बच्चियों के साथ दुष्कर्म व पाक्सो केसों की आईटीएसएसओ पोर्टल के जरिए निगरानी की जाती है। इस पोर्टल को 2019 में लॉन्च किया गया था, वेबसाइट का रखरखाव नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के द्वारा किया जाता है। ऐसे में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों की निगरानी और एक्शन लेने के लिए सेल बनाया गया है। ऐसे में पुलिस शहर के थानों में दर्ज होने वाले मुकदमों की अपने स्तर पर जांच करती है और दोनों पक्षों के बीच समझौता कराने का काम करती है।

दुष्कर्म के अधिक मामले

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सभी सातों कमिश्नरेट के थानों में मार्च महीने के बाद से महिलाओं और बच्चियों से होने वाले अपराध को लेकर कुल 281 मुकदमे दर्ज करवाए गए। इनमें लखनऊ में कुल 71 एफआईआर दर्ज करवाई गईं, जिसमें पाक्सो के 33 और दुष्कर्म के 38 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई। लखनऊ की क्राइम अगेंस्ट वुमेन की टीम ने ऐसे 67 केसों को सुलझा दिया है। अधिकारियों ने बताया कि बाकी बचे चार केसों का भी जल्द निस्तारण हो जाएगा।

ऐसे काम करती है टीम

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि महिलाओं के साथ हुए अपराध का केस दर्ज होने के बाद सेल की तरफ से इसकी मॉनीटरिंग शुरू कर दी जाती है। इनमें से कई केस ऐसे होते हैं, जिनका आपसी समझौते या फिर पीडि़त पक्षों से बातचीत कर काउंसलिंग करने के बाद निस्तारण हो जाता है। इसके अलावा कई केसों में पीडि़त को डीएम ऑफिस की तरफ से मुआवजा दिया जाता है।

सबसे फिसड्डी प्रयागराज

पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि इन सातों कमिश्नरेट में सबसे अधिक मामले प्रयागराज कमिश्नरेट में पेंडिंग हैं। यहां पर कुल 27 मामले में अभी निस्तारण होना बाकी है, जबकि छठे नंबर पर कानपुर, पांचवें पर वाराणसी, चौथे पर गाजियाबाद, तीसरे पर आगरा और पहले नंबर पर नोएडा कमिश्नरेट है।

कहां कितने केस पेंडिंग

कमिश्नरेट केस

नोएडा 02

लखनऊ 04

आगरा 05

गाजियाबाद 09

वाराणसी 09

कानपुर 23

प्रयागराज 27

एक मार्च के बाद एफआईआर

धारा निस्तारण डिफाल्टर नॉन डिफाल्टर

पाक्सो एक्ट 30 03 27

दुष्कर्म 37 07 30

कुल 67 10 57

महिलाओं और बच्चियों से होने वाले अपराध पर लखनऊ कमिश्नरेट की पुलिस लगातार निगरानी रख रही है। यही वजह है कि पिछली बार की रिपोर्ट के मुकाबले इस बार काफी अच्छा रिजल्ट रहा है।

-अपर्णा रजत कौशिक, प्रवक्ता, लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट