लखनऊ (ब्यूरो)। नैक की ए प्लस प्लस ग्रेडिंग पाने वाली लखनऊ यूनिवर्सिटी अपने यहां पढ़ने वाले खिलाड़ियों को बेसिक सुविधाएं तक नहीं दे पा रही है। अधिकारियों का दावा है कि एलयू में 80 तरह के स्पोर्ट्स खिलाए जाते हैं और करीब पांच हजार के आसपास खिलाड़ी एलयू से जुड़े हैं। इनमें कई स्पोर्ट्स हाल के वर्षों में जोड़े गए थे, लेकिन बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर न ही खिलाड़ियों के लिए परमानेंट कोच की व्यवस्था है और न ही प्लेग्राउंड की स्थिति अच्छी है। एलयू के पास जो इक्विप्मेंट्स हैं, वे भी अपडेटेड नहीं हैं। ऐसे में यूनिवर्सिटी के लिए अच्छे खिलाड़ी तैयार कर पाना एक बड़ी चुनौती है।

एलयू व कॉलेज के स्टूडेंट्स का 40:60 का रेशियो

एलयू में करीब 80 तरह के गेम्स सिखाए जाते हैं। लखनऊ यूनिवर्सिटी एथलीट असोसिएशन के चेयरमैन प्रो। रुपेश कुमार ने बताया कि एलयू व कॉलेज कैंपस से 5 हजार स्टूडेंट्स गेम्स सीखते हैं। इनमें 40 फीसदी स्टूडेंट्स कैंपस और 60 फीसदी स्टूडेंट्स बाकी कॉलेजेस के होते हैं। संख्या की बात करें तो एथलेक्टिस में 50 के ऊपर प्लेयर्स हैं, रग्बी में 42 प्लेयर्स हैं, हॉकी, खो-खो, अमेरिकन फुटबॉल, क्रिकेट वगैरह में 16-16 प्लेयर्स हैं। स्टूडेंट्स को खेलों में पार्टिसिपेट कराने की तैयारी एलयू कराता है।

परमानेंट कोच नहीं, फिजिकल एजुकेशन टीचर के भरोसे खिलाड़ी

जानकारी के मुताबिक, एलयू में खिलाड़ि़यों के लिए परमानेंट कोच की व्यवस्था नहीं है। स्पोर्ट्स टीचर के नाम पर फिजिकल एजुकेशन के टीचर ही स्टूडेंट्स की तैयारी का जिम्मा उठाए हुए हैं। एलयू में खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए टेम्परेरी बेसिस पर कोच बुलाकर उनकी प्रैक्टिस कराई जाती है।

6 से 10 हजार का खर्च हर स्टूडेंट पर

एलयू के अधिकारियों का कहना है कि स्पोर्ट्स में जो स्टूडेंट आता है उसको तैयार करने में कम से कम 6 हजार रुपये और ज्यादा से ज्यादा 10 हजार रुपये का खर्च आता है। इसमें से एलयू के स्टूडेंट के लिए सिर्फ 100 रुपये में पूरी तैयारी कराई जाती है, जबकि कॉलेज के स्टूडेंट के लिए या तो कॉलेज या स्टूडेंट फीस और खर्च वहन करता है। एलयू स्टूडेंट्स को 100 रुपये में तैयार कर रहा है। इसका भार एलयू प्रशासन पर भी आता है। इस कारण भी स्टूडेंट्स को फैसिलिटी देने में दिक्कतें आ रही हैं। इसके उलट, प्राइवेट यूनिवर्सिटीज मोटी फीस लेकर स्टूडेंट्स को ज्यादा सुविधाएं देती हैं।

बजट बन रहा रुकावट

एलयू की ओर से मार्च में जारी हुए बजट के मुताबिक, एलयू ने 132 करोड़ रुपये का घाटे का बजट पेश किया था। इस बजट में 67.23 फीसदी व्यय प्रशासनिक शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के वेतन पर खर्च होना है। खेल सुविधाओं को बेहतर न बना पाने में बजट भी एक बड़ा कारण है।

खिलाड़ियों को बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइड कराने का हम पूरा प्रयास कर रहे हैं। अभी हमारे पास जो इक्विप्मेंट्स हैं, वे बहुत अपडेटेड नहीं हैं। बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर स्टूडेंट्स को तैयार करने के लिए जो सुविधाएं जरूरी हैं, उनको बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।

प्रो। रुपेश कुमार, एलयूएए चेयरमैन