- नए सत्र से कानपुर विवि के करीब 350 कालेज लविवि से जुड़े

- इन कालेजों ने लविवि की फीस ज्यादा होने पर जताई है आपत्ति

LUCKNOW : छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर विश्वविद्यालय से हटकर लखनऊ विश्वविद्यालय से सम्बद्ध हुए कई महाविद्यालयों ने अधिक फीस को लेकर आपत्ति जताई है। मंगलवार को इस संबंध में चार जिलों से महाविद्यालयों के प्रतिनिधि लविवि पहुंचे। प्रशानिक भवन में कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक सहित अन्य अधिकारियों ने उनके साथ फीस में होने वाली विसंगति पर चर्चा की। तय हुआ कि लविवि छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर का फीस स्ट्रक्चर मंगाकर देखेगा। दोनों विवि को ध्यान में रखकर इस पर निर्णय लिया जाएगा कि फीस कम होगी या नहीं।

नहीं चल सकता कॉलेज

दरअसल, कानपुर विश्वविद्यालय के 350 महाविद्यालयों को शासन के आदेश पर लखनऊ विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कर दिया गया है। अब नए सत्र से उनमें प्रवेश से लेकर परीक्षाएं कराने सहित सभी चीजों में लविवि के नियम लागू होंगे। कानपुर विश्वविद्यालय के ज्यादातर कालेजों ने लविवि की फीस दो से तीन गुना अधिक होने पर आपत्ति जताई है। कालेजों का तर्क है कि इतनी मंहगी फीस से कॉलेज चलाना मुश्किल हो जाएगा।

सेमेस्टर सिस्टम की वजह से ज्यादा है फीस

लविवि में सेमेस्टर सिस्टम लागू है। इसलिए हर सेमेस्टर की फीस जमा होती है। जबकि कानपुर विश्वविद्यालय में वार्षिक प्रणाली चल रही है। इसी वजह से फीस में काफी अंतर है। लविवि के कुलसचिव डा। विनोद कुमार सिंह के मुताबिक कालेज के प्रतिनिधियों के साथ बैठक हुई है। कानपुर विश्वविद्यालय का फीस स्ट्रक्चर मंगाया जा रहा है। उसके बाद लविवि और वहां के फीस स्ट्रक्चर को ध्यान में रखकर जो भी विसंगति होगी, उस पर निर्णय लिया जाएगा।