लखनऊ (ब्यूरो)। डॉ। राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में बीते कई दिनों से स्टूडेंट्स में कोरोना के लक्षण पाए जा रहे थे। यहां सात स्टूडेंट्स संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इसके बाद स्टूडेंट्स ने एग्जाम का बहिष्कार कर दिया और ऑनलाइन एग्जाम कराने की मांग की। वहीं यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि शासन के आदेश पर ही ऑनलाइन एग्जाम कराया जा सकता है।

कई स्टूडेंट्स थे बीमार

यहां हॉस्टल में रहने वाले कई स्टूडेंट्स सर्दी-जुकाम से पीडि़त थे। 18 अप्रैल से एग्जाम होने थे, जिस पर स्टूडेंट्स ने वीसी का घेराव कर ऑनलाइन एग्जाम की मांग की थी। जब वीसी ने इस पर असमर्थता जताई तो सीएमओ से बात कर स्टूडेंट्स की जांच कराई गई। करीब 200 स्टूडेंट्स की जांच कराई गई, जिसमें 7 पॉजिटिव आए। ये सभी हॉस्टल में रहते हैं।

95 फीसद ने छोड़ा एग्जाम

7 स्टूडेंट्स के संक्रमित मिलने की खबर आते ही स्टूडेंट्स ने एग्जाम का बहिष्कार कर दिया। करीब 95 फीसद स्टूडेंट्स एग्जाम में शामिल नहीं हुए। स्टूडेंट्स की मांग है कि कोरोना संक्रमण से स्टूडेंट्स को बचाने के लिए परीक्षा ऑनलाइन कराई जाए। वे बाद में परीक्षा दे देंगे।

शिक्षकों के खाली आवास बने क्वारेंटाइन सेंटर

सीएमओ की टीम सोमवार को भी यूनिवर्सिटी परिसर पहुंची। उसने शिक्षकों के खाली आवास को क्वॉरेंटाइन सेंटर बना दिया है। जहां संक्रमित स्टूडेंट्स को रखा गया है। एक शिक्षक ने बताया कि पॉजिटिव स्टूडेंट्स से कहा गया है कि वे चाहें तो घर जा सकते हैं।

स्वास्थ से खिलवाड़ का आरोप

स्टूडेंट्स ने वीसी प्रो। एसके भटनागर पर स्टूडेंट्स के स्वास्थ से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि हॉस्टलों में कोविड प्रोटोकॉल का पालन नही किया जा रहा है। वे एक साथ मेस में खाना खा रहे हैं। यह यूनिवर्सिटी की लापरवाही है।

वीसी बात करने से बचते रहे

कोरोना फैलाने के बाद यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो। एसके भटनागर और कुलसचिव तक बात करने से बचते रहे। करीब आधा दर्जन बार मोबाइल पर कॉल कराने के बाद भी दोनों अधिकारियों ने मोबाइल नहीं उठाया। वहीं प्राक्टर डॉ। मनीष सिंह का कहना था कि वह परिसर में नहीं थे। वे अपनी जांच कराने अस्पताल आए थे। डॉ। मनीष ने कहा कि जो स्टूडेंट्स परीक्षा नहीं दे रहे हैं। उन्हें आज नहीं तो कल ऑफ लाइन परीक्षा देनी होगी।