- चौराहे पर लगे ट्रैफिक सिग्नल का दिखने लगा असर, फॉलो कर रहे ट्रैफिक रूल्स

- पहले रेड सिग्नल होने पर तोड़े देते थे ट्रैफिक रूल्स

- कई चौराहों पर अब नहीं लगाई जा रही ट्रैफिक कंट्रोलर की ड्यूटी

LUCKNOW: कभी ट्रैफिक रूल्स तोड़ने में अव्वल रहे लखनवाइट्स ट्रैफिक सिग्नल को पूरी तरह फॉलो कर रहे हैं। अब यहां पर पहले की तरह आपको ट्रैफिक कंट्रोलर नजर नहीं आएंगे। ऐसे में ट्रैफिक डिपार्टमेंट ने मैन पॉवर का रूख शहर के उन चौराहों की ओर किया है जहां पर ट्रैफिक सिग्नल नहीं लगे हैं या फिर काम नहीं कर रहे हैं। इसकी हकीकत जानने के लिए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने गुरुवार को शहर के विभिन्न चौराहों का रियल्टी चेक किया, पेश है एक रिपोर्ट।

नहीं लगाई जाती किसी की ड्यूटी

स्थान- जवाहर भवन तिराहा,

सिकंदरबाग चौराहे से जवाहर भवन तिराहे के बीच पांच सौ मीटर की दूरी है। जवाहर भवन तिराहे से अशोक मार्ग की तरफ ट्रैफिक मूव करता है। तिराहे पर पहले ट्रैफिक सिपाही की ड्यूटी लगाई जाती थी। अनलॉक वन के बाद यहां ट्रैफिक सिग्नल से ट्रैफिक मूव कराया जा रहा है। लाल बत्ती जलने पर ट्रैफिक रुक गया और ग्रीन सिग्नल पर दौड़ पड़ा।

सिग्नल पर चल रहा था ट्रैफिक

स्थान - कैथेडिल चर्च तिराहा, हजरतगंज

सेंट फ्रांसिस स्कूल से हजरतगंज मार्केट की तरफ जाने वाली रोड पर पहले ना तो कभी ट्रैफिक ड्यूटी लगाई जाती थी और ना ही ट्रैफिक सिग्नल लगे थे। इस रोड पर चलने वाले लोग अपने हिसाब से मार्केट के लेफ्ट व राइड साइड टर्न होते थे। अब यहां पर ट्रैफिक सिग्नल लग गये हैं और इसी के अनुसार ट्रैफिक रन कर रहा है।

यहां भी सजग दिखे लोग

स्थान नाजा तिराहा, हजरतगंज

हजरतगंज के नाजा मार्केट और कैथेडिल चर्च तिराहे की दूरी महज तीन से चार सौ मीटर की होगी। इस तिराहे पर भी तीनों तरफ ट्रैफिक सिग्नल लाइट से रन कर रहा था। सभी सिग्नल का पालन कर रहे थे।

बड़े चौराहे पर भी सिग्नल से दौड़ रहा ट्रैफिक

स्थान 1090 चौराहा

लोहिया पथ के 1090 चौराहे पर ट्रैफिक सिग्नल पर दौड़ रहा था। चौराहे पर खड़े लोग अपने रूट पर जाने के लिए सिग्नल के ग्रीन होने का इंतजार करते दिखे। पहले पराग बूथ चौराहे पर ट्रैफिक कंट्रोलर की ड्यूटी लगती थी, लेकिन सिग्नल की वजह से स्मूथ ट्रैफिक को देखते हुए ट्रैफिक कंट्रोलर की ड्यूटी हटा दी गई है। बैराज से 1090 चौराहे की तरफ जाने वाली रोड पर भी अब ट्रैफिक सिपाही नजर नहीं आता है।

यहां नहीं हो रहा था पालन

स्थान- सीएमएस चौराहा, गोमतीनगर

गोमतीनगर स्थित सीएमएस चौराहे पर ट्रैफिक सिग्नल लगे तो थे, लेकिन यहां पर लोग उसका पालन नहीं कर रहे थे। वह रेड सिग्नल को अनदेखा कर रहे थे।

यहां भी हो रही थी सिग्नल की अनदेखी

स्थान- पत्रकारपुरम चौराहा, गोमतीनगर

पत्रकारपुरम चौराहे पर भी चारों तरफ ट्रैफिक सिग्नल लाइट लगाई गई है। लाइट फिक्स टाइम के साथ रेड, ग्रीन व यलो सिग्नल दे रही है, लेकिन यहां पर भी लोग ट्रैफिक लाइट की अनदेखी करते नजर आए।

यह हुए इंट्रीगे्रटेड ट्रैफिक सिग्नल के फायदे

बड़े चौराहों पर कम की गई मैन पॉवर

शहर में 511 चौराहे हैं, जिसमें से स्मार्ट सिटी के तहत शहर के करीब 145 चौराहों पर इंट्रीग्रेटेड ट्रैफिक सिग्नल लगाए गए थे। इसका यह फायदा हुआ कि शहर के बड़े चौराहे पर ट्रैफिक रन करने के लिए तो ट्रैफिक कंट्रोलर और सिपाही लगाए जा रहे हैं, वहीं छोटे चौराहे पर ट्रैफिक बिना ट्रैफिक कंट्रोलर के सिग्नल पर दौड़ रहा है। जहां पहले बड़े चौराहे पर ट्रैफिक कंट्रोल के लिए कई लोगों की तैनात की जाती थी, वहीं अब इनकी संख्या में कमी कर दी गई है।

नियमों का कर रहे हैं बखूबी पालन

शहर के कई चौराहे व तिराहे ऐसे हैं जहां न तो ट्रैफिक रूकता था और न ही ट्रैफिक कंट्रोलर की ड्यूटी लगाई जाती थी। अपने हिसाब से चलने वाले ट्रैफिक पर अब ब्रेक लग गया है। इन चौराहों पर भी लोग अब सिग्नल के अनुसार फर्राटा भर रहे हैं। शहर में कई जगह ऐसी भी हैं जहां ट्रैफिक के लोड को कम करने के लिए महज पांच सौ मीटर की दूरी पर दो-दो बार ट्रैफिक सिग्नल से होकर लोगों को गुजरना पड़ रहा है और वह नियमों को बखूबी पालन कर रहे हैं।

ऑनलाइन चालान ने सुधारी व्यवस्था

पहले ट्रैफिक नियमों को तोड़ने के दौरान पकड़े जाने पर ही चालान होता था वहीं अब इंट्रीग्रेटेड ट्रैफिक सिग्नल से चौराहों पर नियम तोड़ते ही ऑनलाइन चालान हो जाता है। जानकारों की मानें तो ट्रैफिक रूल्स फॉलो कराने में इंट्रीग्रेटेड ट्रैफिक सिग्नल का अहम रोल है। लखनवाइट्स कहीं ना कहीं ऑनलाइन चालान के डर से भी नियमों को फॉलो कर रहे हैं।