लखनऊ (ब्यूरो)। शहर की प्रमुख मार्केट्स में से एक निशातगंज में यूरिनल की सुविधा नहीं है। जिसकी वजह से व्यापारियों के साथ दुकानों में काम करने वाले मेल कर्मचारियों को नेचर्स कॉल आने पर रेलवे पटरी के किनारे जाना पड़ता है। व्यापारियों की ओर से कई बार यूरिनल की व्यवस्था किए जाने की मांग की गई, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। गुजरते वक्त के साथ व्यापारियों की मुश्किलें और बढ़ती जा रही हैैं।

50 साल पुरानी मार्केट

निशातगंज मार्केट करीब 50 साल पुरानी है। इस मार्केट में करीब एक हजार से अधिक दुकानें हैैं। अगर एक दुकान में दो कर्मचारी भी काम कर रहे हैैं, तो उनका आंकड़ा दो हजार माना जा सकता है। इसके साथ ही एक हजार करीब व्यापारी हैैं। कुल मिलाकर तीन हजार लोग यूरिनल की सुविधा न होने के कारण खासी परेशानियों का सामना कर रहे हैैं। इनमें मार्केट में आने वाले ग्राहकों को जोड़ दिया जाए, तो यह आंकड़ा और बड़ा हो जाता है।

रेलवे पटरी बनती है जरिया

व्यापारियों की माने तो इमरजेंसी में उन्हें रेलवे पटरी के किनारे जाना पड़ता है। कई बार तो आरपीएफ की ओर से जुर्माना संबंधी कार्यवाही भी कर दी जाती है। व्यापारियों की मांग है कि मार्केट एरिया में जल्द से जल्द यूरिनल की व्यवस्था की जाए, जिससे शर्मिंदगी का सामना न करना पड़े। व्यापारियों का यह भी कहना है कि यूरिनल की व्यवस्था किए जाने के साथ ही उसकी साफ-सफाई के भी इंतजाम किए जाने चाहिए।

कोई प्लानिंग नहीं हुई

हैरानी की बात तो यह है कि इतनी पुरानी और घनी मार्केट में आज तक यूरिनल की व्यवस्था किए जाने को लेकर कोई प्लानिंग नहीं बनाई गई है। व्यापारियों का कहना है कि काफी पहले पिंक टॉयलेट को लेकर चर्चा हुई थी, लेकिन आज तक यह व्यवस्था भी जोर नहीं पकड़ सकी है। व्यापारियों का कहना है कि मार्केट में कम से कम दो या तीन यूरिनल की व्यवस्था की जाए, ताकि हर किसी को राहत मिल सके।

बोले व्यापारी

यह बात सही है कि यूरिनल न होने की वजह से खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जल्द से जल्द इसकी व्यवस्था होनी चाहिए।

जावेद बेग

लंबा वक्त गुजर चुका है, लेकिन अभी तक यूरिनल की व्यवस्था नहीं हो सकी है। इस व्यवस्था को जल्द से जल्द किया जाना चाहिए, ताकि हर किसी को राहत मिल सके

विपिन अग्रवाल

यूरिनल की सुविधा न होने की वजह से लोगों को रेलवे पटरी के किनारे जाना पड़ता है। ऐसे में उन्हें शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है।

अजय वर्मा

हमारी यही मांग है कि जल्द से जल्द यूरिनल की व्यवस्था की जाए। जिससे इमरजेंसी कंडीशन होने पर इधर-उधर न जाना पड़े।

राजेंद्र कुमार खरबंदा

पूरी मार्केट में कहीं भी यूरिनल की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में व्यापारियों के साथ-साथ दुकानों में काम करने वाले कर्मचारी परेशान होते हैैं।

साद अहमद