- आई नेक्स्ट के खुलासे के बाद केजीएमयू में मचा हड़कंप

- वीसी रविकांत ने दिए एम्स के पैर्टन पर भर्तियां करने के आदेश

LUCKNOW: केजीएमयू में जॉब फिक्सिंग की खबर के बाद किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) प्रशासन अब बैक फुट पर आ गया है। अब उसने भविष्य में एम्स के पैटर्न पर ही सीनियर रेजीडेंट के पदों पर लिखित परीक्षा के माध्यम से भर्तियां करने का निर्णय लिया है। वीसी प्रो। रविकांत ने आईनेक्स्ट के खुलासे के बाद यह आदेश जारी किए।

केजीएमयू में हैं 250 पद

केजीएमयू में सीनियर रेजीडेंट के लगभग 250 पद हैं। ये पद एक साल या तीन साल के लिए होते हैं। जिन पर भर्ती होने वाले डॉक्टर्स को लगभग 70 हजार रुपए महीने का वेतन मिलता है। इसी के चलते इन पदों पर भर्तियों को लेकर इतनी मारामारी रहती है। हालांकि हर साल इन 250 में से लगभग 40 से 50 पोस्ट खाली रह जाती हैं और केजीएमयू प्रशासन समय समय पर वैकेंसी निकालता है, लेकिन डेंटल की बात कुछ और है।

खत्म होगा इंटरव्यू सिस्टम

आई नेक्स्ट की खबर के बाद वीसी प्रो। रविकांत ने आदेश दिए हैं कि अब डेंटल सहित किसी भी विभाग में सीनियर रेजीडेंट के पदों पर इंटरव्यू सिस्टम खत्म होगा। अब केजीएमयू सीनियर रेजीडेंट के पदों पर भर्ती के लिए एम्स के पैटर्न पर ही भर्तिया करेगा। जिसके तहत सीटों से ज्यादा कंडीडेट होने पर लिखित परीक्षा आयोजित की जाएगी। इसके बाद एप्टीट्यूट टेस्ट भी अनिवार्य रूप से लिया जाएगा। इस प्रकार से इन पदों पर भर्तियों में भविष्य गड़बड़झाले की कोई गुंजाइश नहीं होगी।

एक अनार सौ बीमार

दरअसल पूरे प्रदेश में सिर्फ केजीएमयू ही ऐसा सरकारी कॉलेज है जहां पर डेंटल फैकल्टी है। जिसके कारण एक मात्र यह सरकारी संस्थान है जहां पर डेंटल में पोस्ट ग्रेजुएशन होता है और सीनियर रेजीडेंट की वैकेंसी निकलती है। जबकि प्रदेश भर के प्राइवेट डेंटल कॉलेजों से हर साल साढ़े तीन हजार से ज्यादा बीडीएस स्टूडेंट निकलते हैं जो केजीएमयू से पीजी करना चाहते हैं और सीनियर रेजीडेंट के रूप में पोस्टिंग चाहते हैं। क्योंकि यहां का एक्सपीरियंस व‌र्ल्ड लेवल पर मान्य है।

मचा हड़कंप तो हटाया गया सीसीटीवी सिस्टम

वीसी ऑफिस के सूत्रों के मुताबिक आई नेक्स्ट की खबर के बाद केजीएमयू प्रशासन में खलबली मच गई। केजीएमयू प्रशासन ने आनन फानन में सीसीटीवी सिस्टम को खंगालते हुए सारा डाटा डिलीट करा दिया। साथ ही आगे से वीसी ऑफिस का कोई डाटा लीक न हो इसके लिए सिक्योरिटी सिस्टम को टाइट किया गया है।

इन विभागों में खाली हैं पद

डेंटल में सीनियर रेजीडेंट के पदों पर जहां इतनी मारामारी है वहीं कई विभागों में सीटें बड़ी संख्या में खाली पड़ी हैं। जनरल सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, मेडिसिन, आर्थो सर्जरी, एनेस्थीसिया में हर विभाग में 4 से 5 सीटें खाली पड़ी हैं। इस समय सीनियर रेजीडेंट के पदों पर लगभग 40 से 45 सीटें खाली हैं। हम बार बार वैकेंसी निकाल कर रहे हैं, लेकिन सीटें भर नहीं रही हैं। केजीएमयू प्रशासन ने कहा कि अगर यूपीपीजीएमईई का मौजूदा रिजल्ट आगे के लिए भी इंपलीमेंट रहा तो भविष्य में सीनियर रेजीडेंट पदों पर संकट और बढ़ेगा। क्योंकि यूपीपीजीएमईई के कंडीडेट सरकारी सेवाओं में लौंट जाएंगे और केजीएमयू सहित अन्य संस्थानों में इलाज के लिए डॉक्टर नहीं रहेंगे। इसका असर डीएम, एमसीएच की सीटों पर भी पड़ेगा।

मंसूबों पर फिर गया पानी

केजीएमयू प्रशासन के अधिकारी बड़े स्तर पर दबाव के बावजूद रिजल्ट बदल नहीं सके थे। वीसी प्रो। रविकांत ने बताया कि कोई भी भर्ती होती है तो उसमें सबकी सुननी पड़ती है, लेकिन किया वही जाता है जो सही होता है। कई लोगों का दबाव था, लेकिन रिजल्ट किसी प्रकार से बदला नहीं गया। सभी एलिजिबल कंडीडेट्स को ही भर्ती किया गया। उन्होंने आई नेक्स्ट से वह ईमेल भी शेयर की जिसमें रैंक 1 पर आए डॉ। पार्थ ने केजीएमयू प्रशासन पर विश्वास जताया है।

केंद्रीय मंत्री तक डालते हैं दबाव

केजीएमयू प्रशासन के अधिकारियों ने दबी जुबान माना कि डेंटल में सीनियर रेजीडेंट के पदों पर भर्तियों के लिए सीनियर टीचर्स से लेकर शासन प्रशासन के अधिकारी ही नहीं प्रदेश और केंद्र सरकार के मंत्रियों तक का दबाव रहता है। जिसके कारण कई बार सेलेक्शन कमेटी को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

सेलेक्शन कमेटी में जिनका चयन हुआ वही बाद में भी रहे। दो का लेटर पहले जारी हो चुका था और तीसरे का मीटिंग के बाद। सुन सबकी लेते हैं लेकिन किया वही जाता है जो इंस्टीट्यूशन के हित में होता है.कोई भी रिजल्ट नहीं बदला गया।

- प्रो। रविकांत, वीसी, केजीएमयू