-इस वर्ष 86 महिलाओं को मिलेगा रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार

-सूची में 40 ग्राम प्रधानों व चार फ्रांसीसी लड़कियों का नाम

-नौ स्वयंसेवी संस्थाओं और दो महिला पुलिसकर्मी को भी मिलेगा सम्मान

रुष्टयहृह्रङ्ख: राज्य ब्यूरो, लखनऊ : कोई बाघ से लड़ गया, किसी ने दिव्यांग होने के बावजूद पर्वत शिखर छू लिया। किसी ने अकेले ही साइकिल से कश्मीर से कन्याकुमारी तक सड़क नाप डाली। बहादुरी के ऐसे कारनामों वाली 86 महिलाओं को सरकार इस साल के रानी लक्ष्मी बाई पुरस्कार से नवाजेगी। पुरस्कृत होने वालों में चार फ्रांसीसी लड़कियां भी होंगी।

समाजवादी सरकार ने पिछले साल रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार की शुरुआत की थी। तब ग्राम प्रधानों व राज्य की लड़कियों को ही पुरस्कृत किया गया था। इस वर्ष सरकार ने पुरस्कारों की संख्या में इजाफा किया है, राज्य सीमा की बंदिशें भी तोड़ी हैं। आठ मार्च को होने वाले समारोह में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व कन्नौज की सांसद डिंपल यादव 86 महिलाओं को रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार से सम्मानित करेंगी। इनमें 40 ग्राम प्रधान और नौ स्वयंसेवी संस्थाएं होंगी। दो पर्वतारोही, दो महिला पुलिस कर्मियों का नाम भी पुरस्कार पाने वालों की सूची में होगा।

सूची में शामिल बहराइच की गुलैचा का साहस अचंभित करने वाला है। वह बच्चे को बचाने के लिए बाघ से लड़ गयी थीं जबकि लखनऊ की ऊषा विश्वकर्मा ने लड़कियों से होने वाली छेड़छाड़ रोकने के लिए रेड ब्रिगेड बना ली है, जो 24 घंटे काम करती है। बहराइच की रेखा ने छेड़छाड़ करने वालों को जो सबक सिखाया, वह उस क्षेत्र में मिसाल है। पुरस्कार पाने वालों में शामिल फ्रांसीसी लड़कियों ने राज्य कीराजनीति का विज्ञान समझने के लिए आटो से यूपी घूमा और यहां मिले सहयोग का फ्रांस तक प्रचार किया था।

सिटी के इन सितारों ने बिखेरी चमक

1-अंशिका शर्मा, लखनऊ

2-वात्सल्य संस्था, लखनऊ

3-आरती लखनऊ

4-किरण लखनऊ

5-निदा रिजवी, लखनऊ

6-भारती गांधी, सीएमएस लखनऊ

7-तूलिका रानी, पर्वतारोही, लखनऊ