लखनऊ (ब्यूरो)। नगर निगम की ओर से अब स्मार्ट लाइसेंस की तर्ज पर डॉग्स का स्मार्ट लाइसेंस बनवाने की तैयारी की जा रही है। स्मार्ट लाइसेंस बन जाने से एक तरफ जहां यह आसानी से पता लगाया जा सकेगा कि कौन से लोग अपने डॉग का समय से लाइसेंस नहीं बनवाते हैैं साथ ही अगर कोई डॉग खो जाता है तो उसे भी स्मार्ट लाइसेंस में लगी चिप के माध्यम से आसानी से ट्रेस किया जा सकेगा। निगम प्रशासन की ओर से जल्द ही स्मार्ट लाइसेंस के संबंध में टेंडर किया जाएगा।

आठ हजार डॉग्स का लाइसेंस

वर्तमान समय की बात करें तो लखनऊ नगर निगम में आठ हजार के करीब डॉग्स रजिस्टर्ड हैैं। ये सभी रजिस्ट्रेशन 31 मार्च को समाप्त हो जाएंगे। इसके बाद फिर से नए सिरे से लोगों को अपने पेट डॉग का लाइसेंस लेना होगा। इसे ध्यान में रखते हुए ही निगम प्रशासन की ओर से 31 मार्च से पहले स्मार्ट लाइसेंस की सुविधा को शुरू करने संबंधी तैयारी की जा रही है। जिससे जब लोग नए वित्तीय वर्ष में अपने डॉग का लाइसेंस बनवाएं तो उन्हें स्मार्ट लाइसेंस ही मिलें।

चिप से हो सकेगा ट्रेस

दरअसल, पेट डॉग्स का जो स्मार्ट लाइसेंस बनाया जाएगा, उसमें एक चिप होगी। जिसमें डॉग मालिक से रिलेटेड सभी जानकारी फीड होगी साथ ही यह भी फीड होगा कि डॉग का लाइसेंस बना है या नहीं। जिसके बाद निगम के संबंधित विभाग की ओर से कदम उठाए जाएंगे। स्मार्ट लाइसेंस की सुविधा को शुरू करने से पहले निगम की ओर से सभी पेट डॉग के मालिकों का रिकॉर्ड अपडेट किया जा रहा है। जिससे कोई भी पेट डॉग पालक छूट न जाए। स्मार्ट लाइसेंस की खास बात यह भी है कि अगर किसी व्यक्ति का पेट डॉग खो जाता है तो उसे लाइसेंस में लगी चिप के माध्यम से आसानी से ट्रेस भी किया जा सकेगा।

चलाया जाएगा अभियान

निगम प्रशासन की ओर से पूरे शहर में अभियान चलाकर ऐसे लोगों को भी सामने लाया जाएगा, जिन्होंने अपने घर में डॉग तो पाल रखा है, लेकिन उसका निगम से लाइसेंस नहीं बनवाया है। ऐसे लोगों को सामने लाने के बाद उनके पेट डॉग का भी स्मार्ट लाइसेंस बनाया जाएगा। अगर कोई इसके बाद भी लाइसेंस नहीं बनवाता है तो उस पर जुर्माना भी लगाए जाने की तैयारी है।

हमारी ओर से पेट डॉग्स के लिए स्मार्ट लाइसेंस बनवाने संबंधी सुविधा शुरू करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए जल्द ही टेंडर निकाला जाएगा।

-डॉ। अभिनव वर्मा, पशु कल्याण अधिकारी, नगर निगम