-पानी का अवैध दोहन रोकने के लिए जलकल की पहल

- सबमर्सिबल का बाइलॉज बनाने के लिए बनाई गई कमेटी

- 30 जून तक पेयजल की बर्बादी पर लगेगा जुर्माना

- रोड पर पानी की छिड़काव 30 जून तक बंद

LUCKNOW: पानी की बर्बादी और अवैध दोहन रोकने के लिए जलकल विभाग ने कमर कस ली है। अब आपको अपने घर में अगर सबमर्सिबल पंप लगाना है तो जलकल से इसका लाइसेंस लेना पड़ सकता है। वहीं पानी की बेतहाशा हो रही बर्बादी पर रोक के लिए कार्रवाई पर भी मुहर लग गई है। राजधानी में पानी की बर्बादी करने वालों पर पांच सौ रुपये का जुर्माना ठोंका जाएगा.बता दें कि राजधानी में पहली बार जलकल सबमर्सिबल पंप लगाने के लिए बाइलॉज तैयार कर रहा है। इसके लिए कमेटी गठित की गई है जो एक सप्ताह के भीतर कमेटी रिपोर्ट पेश कर देगी। जिसके बाद प्रशासन स्तर पर शासन से अनुमति मांगी जाएगी।

एक सप्ताह में बनेगा बाइलॉज

जलकल विभाग एक सप्ताह के भीतर सबमर्सिबल पंप को लाइसेंस के श्रेणी में लाने के लिए रिपोर्ट तैयार करेगा। मेयर डॉ। दिनेश शर्मा ने बताया कि नियमावली तैयार करने के लिए एक कमेटी गठित की गई है। कमेटी में अपर नगर आयुक्त अवनीश सक्सेना, जीएम जलकल राजीव बाजपेई और जलकल सचिव संजय कुमार होंगे। कमेटी एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट तैयार कर प्रशासन के देगी। जिसके बाद शासन के सामने इसे पेश कर अनुमति ली जाएगी। मेयर ने बताया कि नियमावली के लिए उपभोक्ता और पब्लिक भी सुझाव दे सकती है। तीन दिन के भीतर उपभोक्ता और पब्लिक jalkalko@gmail.com पर मेल भेज कर दे सकते हैं। जीएम जलकल ऐशबाग को लिखित रूप से भी भेज सकते हैं।

टैक्स के दायरे में सबमर्सिबल पंप

जल का दोहन रोकने के लिए नियमावली बनाने के साथ ही सबमर्सिबल पंप यूजर को टैक्स के दायरे में लाने की तैयारी है। नए कनेक्शन यूजर के लिए जलकल से परमिशन या लाइसेंस के साथ ही वॉटर हार्वेस्टिंग प्लांट लगाना भी जरूरी होगा। यही नहीं जिन्होंने सबमर्सिबल पंप पहले लगा रखें है उन्हें वाटर टैक्स देना होगा। बता दें कि वर्तमान में नगर निगम 4.50 लाख लोगों से कॅउस टैक्स वसूल रहा है जबकि जलकल विभाग मात्र 3.30 लाख लोगों से वाटर टैक्स ले रहा है। जबकि राजधानी की जनसंख्या 45 लाख है। जलकल के पाइप लाइन से हो या जलस्त्रोत के अन्य माध्यम से। जलकल अधिनियम 1975 के तहत पानी का यूज करने वाले सभी लोग टैक्स के दायरे में आते हैं।

पानी की बर्बादी पर 500 जुर्माना

जलकल ने पहली बार पानी की बर्बादी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का फैसला किया है। पेयजल की बर्बादी करने वालों से जुर्माना वसूला जाएगा। जेई और एई स्तर के अधिकारी इसकी मानिटरिंग करेंगे। पीने के पानी से गाड़ी धोना, छिड़काव करना, दीवार आदि धोने पर पांच सौ रुपये तक जुर्माना होगा। जरूरत पर नियुक्त किये अधिकारी संबंधित थाने की पुलिस फोर्स की भी मदद लेकर अभियान चला सकते हैं। हालांकि यह नियम फिलहाल 30 जून तक के लिए बनाया गया है।

रोड पर पानी का छिड़काव बंद

नगर निगम 30 जून तक रोड पर पानी का छिड़काव नहीं करेगा। निगम के टैंकर फिलहाल किसी भी स्थिति में 30 जून तक रोड या किसी अन्य सार्वजनिक जगहों पर पानी का छिड़काव नहीं करेंगे। दूसरी ओर टैंकर में पानी ले जाते समय पानी के रिसाव को रोकने के लिए पानी के टैंकरों की मरम्मत कराई जाएगी। ताकि बर्बादी को रोका जाएगा।

एक नजर में राजधानी

अनुमानित जनसंख्या - 45 लाख

पेयजल की जरूरत- 675 एमएलडी

प्रति व्यक्ति जरूरत - 150 लीटर

वर्तमान में सप्लाई - 568 एमएलडी

प्रति दिन पानी की कमी - 107 एमएलडी

रॉ वाटर व‌र्क्स से मिलने वाला पानी

ऐशबाग रॉ वाटर व‌र्क्स - 200 एमएलडी

बालागंज रॉ वाटर व‌र्क्स - 80 एमएलडी

कठौता झील रॉ वाटर व‌र्क्स - 70 एमएलडी

581 नलकूप से पानी - 400 एमएलडी