लखनऊ (ब्यूरो)। पॉलीसोम्नोग्राफी मशीन की मदद से नींद के पैटर्न को रिकार्ड किया जाता है। इससे पता चलता है कि कितनी नींद आई और क्या समस्या हुई। इस दौरान यह पाया गया कि मोटापा, एंग्जायटी, स्ट्रेस, थॉयराइड, ब्लड कोलेस्ट्राल आदि की वजह से सबसे ज्यादा नींद में खलल पड़ता है। खासकर युवाओं में स्ट्रेस व एंग्जायटी इसकी बड़ी वजह बनकर सामने आया। यह जानकारी ऐम्स बीबीनगर हैदराबाद से आये डॉ। नितिन अशोक जॉन ने शुक्रवार को केजीएमयू के फीजियोलॉजी विभाग द्वारा तीन दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस के पहले दिन दी।

लंग्स करता है मजबूत

कान्फ्रेंस के दौरान डॉ। नितिन ने बताया कि कोरोना की वजह से लोगों के लंग्स काफी कमजोर हो गये थे। ऐसे में करीब 60 पेशेंट को लेकर स्टडी की थी। जिसके लिए डीप ब्रिदिंग एक्सरसाइज रोजाना सुबह-शाम करीब 10 मिनट के लिए करवाई गई। जिसमें पाया गया कि इन मरीजों के फेफड़ों की क्षमता में 10 परसेंट का इजाफा हुआ। किसी में अगर लंग्स फंक्शन की समस्या हो तो इस एक्सरसाइज को करना चाहिए।

पढ़ाई के पैटर्न में बदलाव जरूरी

चंडीगढ़ से आईं डॉ। अनीता एस मल्होत्रा ने बताया कि बच्चों की पढ़ाई के पैटर्न में बदलाव लाना बेहद जरूरी है। कोई वीडियो देखकर सीखता है, कोई सुनकर सीखता है, तो कोई प्रैक्टिकल करके सीखता है। इसी को देखते हुए बच्चों के सीखने की क्षमता के अनुसार उनको अलग-अलग टॉपिक देकर उन्हें पढ़कर आने देना चाहिए। जिसके बाद उसे उस ग्रुप में शामिल करें जिनको वही टॉपिक दिया गया हो। इससे पता चल सकेगा कि कौन उस टॉपिक को बेहतर समझ सका है। मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए यह तकनीक खासतौर पर कारगर है।

तनाव घटा रही लोगों की इम्युनिटी

नेपाल के डॉ। यूएस पांडेय ने बताया कि काफी लोग बार-बार बीमार पड़ते हैं। इसकी बड़ी वजह तनाव है, क्योंकि इससे मरीज की इम्युनिटी कम हो जाती है। जिसकी वजह से मरीज संक्रमण की जद में जल्दी आ जाता है। स्टे्रस की वजह से आजकल हार्ट से लेकर ब्रेन, किडनी और पेट तक की बीमारियां बढ़ रही है। वहीं डायबिटीज का भी ये एक प्रमुख कारण है। लिहाजा तनाव से बचें और जितना संभव हो खुश रहें।

डायबिटीज की जांच जरूर कराएं

केजीएमयू के फीजियॉलजी विभाग की डॉ। नबीला निशात ने बताया कि डायबिटीज से बड़ी संख्या में लोगों को मांसपेशियों की बीमारी यानि मस्कुलर स्केलेटन डिसऑर्डर हो रहा है। शुगर लेवल बढ़ने से नर्व क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, जिससे मरीज इसका शिकार हो रहे हैं। ऐसे में अगर किसी में मांसपेशियों की दिक्कत है तो उसे डायबिटीज की जांच भी जरूर करानी चाहिए। वहीं, डायबिटीज के मरीज नियमित व्यायाम और फीजियोथैरेपी से मांसपेशियों की बीमारी होने से बचाव कर सकते हैं।